यूपी के 10 हजार से अधिक स्कूलों का हुआ विलय

यूपी के 10 हजार से अधिक स्कूलों का हुआ विलय

लखनऊ, 14 जुलाई (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश में 10 हजार से अधिक परिषदीय स्कूलों का विलय कर दिया गया है। अब यहां पर आंगनबाड़ी केंद्र शिफ्ट किए जाएंगे। बाल वाटिका के रूप में इनका प्रयोग होगा। उत्तर प्रदेश में कम नामांकन वाले 10827 परिषदीय विद्यालयों का बेसिक शिक्षा विभाग ने विलय (पेयरिंग) किया है। अब इन विद्यालयों के खाली भवनों में आंगनबाड़ी केंद्रों को शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग सर्वे कराएगा। विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने इस संबंध में सभी डीएम को पत्र भेजा है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में विद्यालय परिसर में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र को बाल वाटिका घोषित किया गया है। पेयरिंग के बाद खाली विद्यालय भवनों का प्रयोग बाल वाटिका के रूप में किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसारखाली हुए विद्यालयों के भवनों में आंगनबाड़ी केंद्रों को शिफ्ट करने के लिए जिला स्तर पर सर्वे होगा। इसके लिए सीडीओ की अध्यक्षता वाली कमेटी बनेगी। इसमें बीएसएजिला कार्यक्रम अधिकारीबीईओसंबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारी भी शामिल होंगे। इनको 15 दिन में सर्वे पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

प्रमुख सचिव ने बताया है कि सर्वे के बाद प्रधानआंगनबाड़ी कार्यकर्ता व अभिभावकों की बैठक होगी। इसके बाद शिफ्टिंग के योग्य विद्यालय भवनों का चिह्नांकन होगा। उपयुक्त पाए गए विद्यालयों में आंगनबाड़ी केंद्रों को शिफ्ट किया जाएगा। बता देंकई जिलों में आंगनबाड़ी केंद्र पंचायत भवनों या अन्य बिल्डिंग में चल रहे हैं। इन्हें पास के विद्यालय में शिफ्ट किया जाएगा।

शिक्षकों और छात्रों के हित में है विलयः सीएम योगी

लखनऊ, 24 जुलाई (एजेंसियां)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी स्कूलों के विलय को शिक्षक व छात्रों के हित में बताया है। कहा कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कम नामांकन वाले सरकारी स्कूलों के विलय को छात्रोंशिक्षकों और अभिभावकों तीनों के हित में बताया है। उन्होंने कहा कि इससे संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। हालांकिउन्होंने ये भी कहा कि विद्यालयों की पेयरिंग व्यवस्था को दूरगामी और व्यापक दृष्टिकोण से लागू किए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री योगी ने ये बातें सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग की बैठक में कही।

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उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में 50 से अधिक छात्र अध्ययनरत हैंउन्हें स्वतंत्र विद्यालय के रूप में संचालित करने का निर्देश दिया गयाजिससे प्रशासनिक सुविधाजवाबदेही और शैक्षणिक निगरानी और अधिक प्रभावी ढंग से की जा सके। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पेयरिंग व्यवस्था के कारण खाली हुए विद्यालय भवनों में बाल वाटिकाएं और प्री-प्राइमरी स्कूल संचालित की जाएं। साथ हीइन भवनों में आंगनबाड़ी केंद्रों को स्थानांतरित किया जाए ताकि शिशु शिक्षा का आधार सुदृढ़ हो और विद्यालय परिसरों का उपयोग बहुपर्यायी रूप से हो सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया तय समय-सीमा के भीतर पूरी की जाए और इस कार्य में किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए।

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मुख्यमंत्री योगी ने बैठक के दौरान उन्होंने राज्य में प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनानेबच्चों की शत-प्रतिशत विद्यालयी उपस्थिति सुनिश्चित करनेसंसाधनों के कुशल उपयोग तथा अधोसंरचना सुदृढ़ीकरण के संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 06 से 14 वर्ष की आयु का एक भी बच्चा विद्यालय से वंचित नहीं रहना चाहिएविद्यालय प्रबन्ध समिति (प्रधानाध्यापक व ग्राम प्रधान) इसे सुनिश्चित कराए। इस दिशा में स्कूल चलो अभियान को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए ताकि कोई भी बच्चा स्कूल जाने से न छूटे। उन्होंने यह भी कहा कि परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत प्रत्येक छात्र के अभिभावक के बैंक खाते में यूनिफॉर्मजूता-मोजास्टेशनरी एवं पाठ्य सामग्री हेतु 1200 रुपए की सहायता राशि को डीबीटी के माध्यम से शीघ्रता से अंतरित किए जाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह कार्य पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ किया जाए ताकि लाभार्थियों को समय पर मदद मिल सके और विद्यालयीन सामग्री की व्यवस्था बाधित न हो। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि जिन विद्यालयों में आधारभूत संरचना की कमी हैवहां अविलंब संसाधनों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए ताकि बच्चों को सुरक्षितस्वच्छ और सुविधाजनक वातावरण में अध्ययन का अवसर प्राप्त हो।  

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