केंद्रीय मंत्री गडकरी के कार्यक्रम स्थगित करने के आश्वासन के बावजूद भाजपा ने सिगंडूर पुल का उद्घाटन किया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया का दावा
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कर्नाटक में सोमवार को एक राजनीतिक विवाद छिड़ गया जब मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने आरोप लगाया कि स्थानीय भाजपा नेताओं ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ कार्यक्रम स्थगित करने के पूर्व समझौते के बावजूद शिवमोग्गा जिले में सिगंडूर पुल का उद्घाटन किया|
राज्य की प्रमुख शक्ति योजना के तहत ५०० करोड़ रुपये की मुफ्त यात्रा के उपलक्ष्य में बेंगलूरु में आयोजित एक कार्यक्रम में पत्रकारों से बात करते हुए, सिद्धरामैया ने कहा मैंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से फोन पर बात की थी और एक पत्र भी लिखा था, जिसमें सिगंदूर पुल के उद्घाटन समारोह को स्थगित करने का अनुरोध किया गया था|
हालाँकि उन्होंने सहमति दे दी थी, फिर भी भाजपा नेताओं ने मुझे सूचित किए बिना ही कार्यक्रम किया| उन्होंने इस फैसले पर निराशा व्यक्त की और कहा कि न तो वह, न ही कोई राज्य मंत्री या स्थानीय विधायक, उद्घाटन समारोह में मौजूद थे| भाजपा के आचरण के विरोध में, हमारी सरकार के किसी भी मंत्री या किसी भी स्थानीय विधायक ने इस कार्यक्रम में भाग नहीं लिया| केंद्र सरकार ने प्रोटोकॉल का पालन न करके इस टकराव को जन्म दिया है| केंद्र प्रायोजित योजनाओं में भी राज्य की भूमिका होती है और प्रोटोकॉल का सम्मान किया जाना चाहिए|
गडकरी ने १४ जुलाई को सागर तालुका में शरावती नदी के बैकवाटर पर बने केबल-स्टेड पुल का लोकार्पण किया| ४७३ करोड़ रुपये की इस परियोजना, जिसमें पहुँच मार्ग भी शामिल हैं, का निर्माण केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा किया गया है| उनके साथ केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा, शिवमोग्गा के सांसद बी.वाई. राघवेंद्र और अन्य भाजपा नेता भी मौजूद थे| सिद्धरामैया ने बताया कि विजयपुरा जिले में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के कारण वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके और उन्होंने भाजपा पर जानबूझकर राज्य के नेताओं को कार्यक्रम से बाहर रखने का आरोप लगाया|
मुख्यमंत्री ने शक्ति योजना की सफलता पर प्रकाश डाला, जिसके तहत अब तक कर्नाटक भर में महिला यात्रियों द्वारा ५०० करोड़ से ज्यादा मुफ्त यात्राएँ की जा चुकी हैं| कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के कुछ ही हफ्तों बाद, ११ जून, २०२३ को शुरू की गई यह योजना कर्नाटक भर में गैर-लक्जरी सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा प्रदान करती है| यह २०२३ के विधानसभा चुनावों के दौरान घोषित पाँच गारंटी योजनाओं में से एक है| बेंगलूरु के विंडसर सर्कल में मीडिया को संबोधित करते हुए सिद्धरामैया ने कहा यह हमारे लिए एक ऐतिहासिक क्षण है| महिलाओं ने सामूहिक रूप से शक्ति के तहत ५०० करोड़ यात्राएँ की हैं, जिससे यह देश की सबसे बड़ी कल्याणकारी परिवहन योजनाओं में से एक बन गई है| राज्य सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए अब तक १२,६१४ करोड़ खर्च किए हैं|
राज्य परिवहन निगमों द्वारा संचालित लगभग २५,००० बसों में से, २०,००० से ज्यादा बसें इस कार्यक्रम के तहत महिला यात्रियों के लिए उपलब्ध हैं| उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि शक्ति योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि शेष भारत के लिए एक आदर्श बन गई है| उन्होंने कहा शक्ति योजना, जिसने ५०० करोड़ यात्राएँ दर्ज की हैं, पूरे देश के लिए एक आदर्श है|