टनल रोड के खिलाफ किया जाएगा कड़ा संघर्ष: तेजस्वी सूर्या
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद तेजस्वी सूर्या ने चेतावनी दी है कि भाजपा बेंगलूरु में सुरंग के माध्यम से सड़क बनाने के लिए जनता के पैसे की लूट की योजना का ऐसे तरीके से विरोध करेगी जैसा उपमुख्यमंत्री, राज्य सरकार और बीबीएमपी के अधिकारी किसी भी कारण से नहीं करेंगे|
भाजपा के प्रदेश कार्यालय ’जगन्नाथ भवन’ में एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि भाजपा टनल रोड परियोजना का विरोध करती है| उन्होंने कहा कि हम इस तरह से लड़ेंगे कि जनता के एक-एक पैसे को न्याय मिले| टनल रोड की डीपीआर और व्यवहार्यता रिपोर्ट में गड़बड़ी है| उन्होंने आरोप लगाया कि इसे तैयार करने के लिए एक ऐसे सलाहकार को नियुक्त किया गया था जिसे प्रतिबंधित कर दिया गया था|
उन्होंने शिकायत की कि टनल रोड कांग्रेस की नौकरियों को भरने के लिए एक परियोजना है| आज हमने मीडिया के माध्यम से जनजागरण शुरू किया है| आने वाले दिनों में, बेंगलूरु के सभी सांसद, विधायक , हमारे प्रदेश अध्यक्ष और बेंगलूरु में भाजपा के हमारे सभी नेता इस पर चर्चा करने वाले हैं| हम कानूनी लड़ाई, जनजागरण आदि के बारे में सोचेंगे| उन्होंने आरोप लगाया कि यह जनता के पैसे की बड़ी लूट है|
डीपीआर में बेंगलूरु मेट्रो परियोजना का जिक्र है| बीबीएमपी ने डीपीआर पर ९.५ करोड़ रुपये खर्च किए हैं| उन्होंने आरोप लगाया कि मेट्रो से जुड़ी परियोजना को काट-छाँट कर तैयार किया गया है| उन्होंने सवाल किया कि यह भ्रष्टाचार इतना कैसे है कि अगर कर्नाटक के लोग नासिक और मालेगांव का उदाहरण देकर मूर्ख बनते हैं, तो क्या यह घृणित नहीं होगा कि वे वहाँ खड़े होकर कहें कि ऐसे भ्रष्टाचार में जनता का पैसा चुराया जा सकता है? हमारी सरकार ने कहा था कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए इतनी बड़ी परियोजना डीएमएलटीए कानून के तहत बनाई जानी चाहिए| उन्होंने आलोचना की कि वह कानून लागू होने के बावजूद, वे परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के बाद निविदाएँ आमंत्रित करने जा रहे हैं| उन्होंने इसमें नियो बस प्रणाली को शामिल करने का सुझाव दिया है|
आपका क्या मतलब है? क्या यह जमीन पर जाएगा? क्या यह आसमान में जाएगा? उन्होंने पूछा कि यह किस देश में है| उन्होंने कहा कि डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) का खुलासा भी नहीं किया गया| उन्होंने आलोचना करते हुए कहा कि व्यवहार्यता रिपोर्ट से पहले ही डीपीआर तैयार हो गई थी| उन्होंने आरोप लगाया कि व्यवहार्यता रिपोर्ट में सुझाव दिया गया था कि डीपीआर सलाहकार कौन होना चाहिए| सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था की कमी के कारण ७२ प्रतिशत लोगों को निजी वाहनों से हवाई अड्डे जाना पड़ता है| हमने २०२० में बेंगलूरु की यातायात समस्या के समाधान के लिए एक व्यापक परिवहन योजना तैयार की थी| इस योजना में कहा गया था कि बेंगलूरु को १६,५८० बसों की आवश्यकता है| उन्होंने विश्लेषण किया कि आज छह हजार बसें हैं और ९ हजार से अधिक बसों की कमी है|
उन्होंने शिकायत की कि राज्य सरकार बसों की संख्या बढ़ाने के लिए कुछ नहीं कर रही है| २०३१ तक मेट्रो नेटवर्क ३१७ किलोमीटर होना चाहिए| उन्होंने बताया कि अभी केवल ७८ किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क है| उन्होंने आलोचना की कि ४ साल से बनकर तैयार येलो लाइन को यातायात के लिए नहीं खोला जा रहा है|