मतभेद का विवाद में न बदले सीमा विवाद का समाधान जरूरी
जयशंकर ने चीनी उपराष्ट्रपति से मुलाकात की, कहा,
बीजिंग / नई दिल्ली, 14 जुलाई (एजेंसियां)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत-चीन संबंधों में हालिया सुधार का जिक्र किया।
भारत और चीन के संबंध अक्टूबर 2023 में कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद से लगातार बेहतर हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच 75 साल के राजनयिक संबंध पूरे हो चुके हैं
जयशंकर ने मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात को जटिल बताया और कहा कि भारत और चीन जैसे बड़े पड़ोसी देशों के बीच खुलकर बातचीत बेहद जरूरी है। उन्होंने चीनी उपराष्ट्रपति को बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने को भारत में बेहद सराहा गया है। जयशंकर की पांच साल में यह पहली चीन यात्रा है। वे सिंगापुर दौरे के बाद बीजिंग पहुंचे हैं। जयशंकर 15 जुलाई को तियानजिन में होने वाली SCO विदेश मंत्रियों की बैठक में भी हिस्सा लेंगे।
इस दौरान उनकी चीनी विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात तय है। इससे पहले फरवरी में जोहान्सबर्ग में G20 की बैठक के दौरान जयशंकर और वांग यी की मुलाकात हुई थी। जहां दोनों नेताओं ने सहयोग बढ़ाने की बात कही थी।
जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प में दोनों पक्षों के जवान मारे गए थे। इसके दोनों देशों के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए थे। इसके बाद से इस साल तक भारत के किसी शीर्ष नेता ने चीन का दौरा नहीं किया था।
पिछले महीने चीन के किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक हुई थी। इसमें भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए थे। इस दौरान राजनाथ ने SCO के जॉइंट स्टेटमेंट पर साइन करने इनकार कर दिया था। क्योंकि उसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को शामिल नहीं किया गया था, जबकि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हुई आतंकी घटना का जिक्र था। भारत ने इससे नाराजगी जाहिर की।
राजनाथ सिंह ने बैठक में कहा, 'कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीति मानते हैं। वे आतंकवादियों को पनाह देते हैं। फिर इसे इनकार करते हैं। ऐसे डबल स्टैंडर्ड के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्हें समझना होगा कि अब आतंकवाद के एपिसेंटर सेफ नहीं हैं।