ईमानदार उपभोक्ताओं से वसूलेंगे 186 करोड़

बिजली चोरों पर सरकार का नहीं कोई जोर

 ईमानदार उपभोक्ताओं से वसूलेंगे 186 करोड़

लखनऊ, 21 जुलाई (एजेंसियां)। बिजली निगम बिजली चोरों से 186.93 करोड़ रुपए की वसूली करने में नाकाम रहा है। अब बिजली की दरें बढ़ाकर ईमानदार उपभोक्ताओं से चोरी की भरपाई की जाएगी। बिजली निगम ने विद्युत नियामक आयोग को बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव सौंपा है। इस पर सोमवार को जनसुनवाई हुई। प्रस्ताव में घाटे का हवाला देते हुए दरें बढ़ाने की मांग की गई है। खास ये है कि राजधानी में एक अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच 191.75 करोड़ की बिजली चोरी पकड़ी गई। इसमें से मात्र 5.82 करोड़ रुपए ही वसूले गए हैं। बिजली चोरों से 186.93 करोड़ वसूलने में नाकाम बिजली निगम अब ईमानदार उपभोक्ताओं पर बिजली दरों का बोझ बढ़ाकर भरपाई करना चाहता है।

आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान अमौसीलखनऊ मध्यजानकीपुरम और गोमतीनगर जोन में बिजली निगम की टीमों ने 8,992 बिजली चोरी के मामलों का भंडाफोड़ किया। इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई और कुल चोरी की गई बिजली के एवज में 191.75 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया।

बिजली चोरों से वसूली के लिए जिम्मेदार जेईएसडीओएक्सईएन कितने संजीदा थेइसका अंदाज वसूली की रकम से लगाया जा सकता है। अब तक अफसर मात्र 5.82 करोड़ रुपए ही वसूल सके हैंजो कुल रकम को मात्र तीन प्रतिशत है। वसूली में असफलता के लिए सीधे तौर पर स्थानीय जेईएसडीओ और एक्सईएन जिम्मेदार हैं। इस मामले में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे कहते हैं कि जब घाटा बिजली चोरी और कर्मचारियों की लापरवाही से हो रहा हैतो उसकी भरपाई हर महीने बिल चुकाने वाले ईमानदार उपभोक्ताओं से क्यों की जा रही हैउपभोक्ता पहले से ही बिजली की महंगी कीमत चुका रहे हैं। बिजली दरों में बढ़ोतरी कहीं से तर्कसंगत नहीं। सच ये है कि निगम निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए ही बिजली दरों को बढ़ाने पर आमादा है।

बिजली दरों में बढ़ोतरी के विरोधी और उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि प्रबंधन बिजली चोरों को उनके जुर्माना पर 65 प्रतिशत की छूट देकर खुद बिजली चोरी को बढ़ावा दे चुकाजिससे घाटा हो रहा है। इस घाटे की भरपाई के लिए आम उपभोक्ता की बिजली किसी भी हालत में महंगी नहीं होने देंगे। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के अनुसार राजधानी में एक साल में 191.75 करोड़ की बिजली चोरी पकड़ी गई। प्रदेश में 75 जिले हैंयदि लखनऊ में इतनी चोरी है तो पूरे प्रदेश का आंकड़ा हजारों करोड़ तक हो सकता है। बिजली निगम अब तक यह स्पष्ट नहीं कर पाया है कि कितनी वसूली हुई है और वसूली में फेल साबित हुए अफसरों व इंजीनियरों पर क्या जवाबदेही तय की गई।

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लखनऊ की 50 लाख आबादी में 14.5 लाख कनेक्शनधारक हैंजिनमें से करीब 20% उपभोक्ता मीटर में गड़बड़ी कर बिजली चोरी कर रहे हैं। अनुमान है कि शहर में एक लाख से अधिक जगहों पर बिजली चोरी हो रही है। यह चोरी नियोजित तरीके से झुग्गी-झोपड़ी व खाली प्लॉटों में की जा रही है। कई जगहों पर तो स्थानीय प्रभावशाली लोगों और अधिकारियों की मिलीभगत से यह धंधा चल रहा है। चौकहुसैनाबादठाकुरगंजसहादतगंज और ऐशबाग जैसे क्षेत्रों में कुछ हद तक नियंत्रण पाया गया हैमगर बाकी इलाकों में अफसरों की रुचि न होने से हालात जस के तस हैं।

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अभियंता संघ ने किया विरोध प्रदर्शन

लखनऊ, 21 जुलाई (एजेंसियां)। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में बिजली की दरों को तय करने के लिए सोमवार को नियामक आयोग में सुनवाई हुई। इस दौरान बाहर अभियंता संघ ने विरोध प्रदर्शन किया। सभी पक्षों की बात सुनने के बाद नियामक आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। अब 25 जुलाई को सलाहकार समिति की बैठक होगी। इस बैठक के बाद बिजली दर निर्धारण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उम्मीद है कि अगस्त के पहले सप्ताह में बिजली दरें घोषित कर दी जाएगी।

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