महादयी परियोजना पर सिद्धारमैया का गोवा के सीएम पर तीखा हमला

महादयी परियोजना पर सिद्धारमैया का गोवा के सीएम पर तीखा हमला

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने महादयी नदी जल परियोजना को लेकर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है| उन्होंने महादयी परियोजना पर गोवा सीएम की टिप्पणी को कर्नाटक की जनता का अपमान बताया और केंद्र की चुप्पी को ‘बैकडोर साजिश, मौन और विश्वासघात’ कहा| यह विवाद उस वक्त और बढ़ गया जब गोवा विधानसभा में सावंत ने कहा कि केंद्र सरकार इस परियोजना को किसी भी हालत में मंजूरी नहीं देगी|

सिद्धरामैया ने जोर देकर कहा कि महादयी प्रोजेक्ट कोई विलासिता नहीं, बल्कि उत्तर कर्नाटक के लोगों की पीने के पानी की जरूरत है| उन्होंने बताया कि इस परियोजना से बेलगावी, धारवाड़, गदग, बागलकोट और आसपास के इलाकों के ४० लाख से ज्यादा लोगों को फायदा होगा| उन्होंने कहा कि यह किसी तरह की सौदेबाजी का मसला नहीं है, बल्कि राज्य की हकदारी है| मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि साल २०१८ में महादयी जल विवाद ट्राइब्यूनल ने कर्नाटक को १३.४२ टीएमसी पानी देने का आदेश दिया था|

बावजूद इसके, उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार गोवा की बीजेपी सरकार के साथ मिलकर इस परियोजना को रोक रही है| उन्होंने पूछा कि अगर कोई आपत्ति है, तो उसे आधिकारिक रूप से क्यों नहीं बताया गया| सिद्धरामैया ने भाजपा और जेडीएस के कर्नाटक नेताओं पर भी निशाना साधा और कहा कि इनकी चुप्पी आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी| उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह सब कर्नाटक द्वारा भाजपा के सामने न झुकने की सजा है| गोवा सरकार की आपत्ति यह है कि परियोजना में शामिल १०.६ हेक्टेयर वन भूमि काली और सह्याद्रि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आती है|

हालांकि जनवरी २०२४ में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) ने इस भूमि के उपयोग की सिफारिश की थी| फिर भी, गोवा सरकार लगातार इसका विरोध करती रही है| मंत्री एच. के. पाटिल ने महादयी जल परियोजना को लेकर गोवा के मुख्यमंत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है| उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार ने कर्नाटक को महादयी परियोजना को आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं दी| उन्होंने कहा कि यह हमारा संवैधानिक अधिकार है और इस पर कोई भी रोक नाजायज है| पाटिल ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह कर्नाटक के साथ अन्याय करना बंद करे|

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उन्होंने यह भी कहा कि अगर गोवा के मुख्यमंत्री का बयान सही है, तो यह कर्नाटक के हितों के खिलाफ है और केंद्र को इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए| कर्नाटक सरकार ने साफ कर दिया है कि वह इस परियोजना को लेकर पीछे नहीं हटेगी| मुख्यमंत्री ने एलान किया कि राज्य अपने अधिकार के लिए कानूनी, राजनीतिक और नैतिक लड़ाई लड़ेगा| उधर, कर्नाटक के कानून मंत्री एचके पाटिल ने भी केंद्र से जल्द मंजूरी देने की मांग करते हुए गोवा सीएम की टिप्पणी को ‘झटका’ बताया|

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