धर्मांतरण के ग्लोबल नेटवर्क के खिलाफ निर्णायक लड़ाई
जलालुद्दीन छांगुर हो या आगरा के जेहादी, सबका होगा हिसाब
लखनऊ, 25 जुलाई (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश में हिंदू बेटियों को निशाना बनाकर चलाए जा रहे सुनियोजित धर्मांतरण के नेटवर्क पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कड़ा प्रहार शुरू हो गया है। हाल के दिनों में बलरामपुर, आगरा और प्रयागराज जैसे विभिन्न जिलों में सामने आई घटनाएं यह स्पष्ट संकेत देती हैं कि यह केवल छिटपुट आपराधिक प्रकरण नहीं, बल्कि एक गहरी, सुनियोजित और अंतरराष्ट्रीय साजिश है, जो भारत की सनातन संस्कृति और सामाजिक संरचना को भीतर से तोड़ने का षड्यंत्र रच रही है। योगी सरकार इसे सॉफ्ट टेरर मानते हुए अब निर्णायक कार्रवाई की दिशा में बढ़ चुकी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पष्ट चेतावनी सनातन धर्म के विरुद्ध किसी भी साजिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा को चरितार्थ करते हुए राज्य पुलिस ने हाल के दिनों में बड़े धर्मांतरण गिरोहों का पर्दाफाश किया है। आगरा से लापता दो बहनों के रहस्यमयी मामले की जांच करते हुए पुलिस ने ऐसे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया, जिसकी जड़ें छह राज्यों तक फैली थीं। तो बलरामपुर में जलालुद्दीन छांगुर के बहुराष्ट्रीय धर्मांतरण गिरोह की कहानियों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। बलरामपुर की घटना में उत्तर प्रदेश आतंकवाद रोधी दस्ता ने धर्मांतरण गिरोह और अवैध वित्तपोषण के स्रोतों का पता लगाने के लिए जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन की हिरासत ले ली है। एटीएस अवैध वित्तपोषण से खरीदी गई बेनामी सम्पत्तियों का भी पता लगाएगी। एटीएस ने 5 जुलाई को जलालुद्दीन और नसरीन को बलरामपुर में माधपुर गांव से गिरफ्तार किया था।
जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और नीतू उर्फ नसरीन पर वित्तीय प्रोत्साहन, शादी के प्रस्ताव और दबाव बनाकर कमजोर तबके के लोगों को इस्लाम कबूल कराने का आरोप है. जलालुद्दीन पर 50,000 रुपए का इनाम घोषित था और उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था। दो अन्य आरोपियों, नवीन उर्फ जलालुद्दीन और महबूब (जलालुद्दीन के बेटे) को अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में ये लखनऊ की जेल में बंद हैं। जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके सहयोगियों के अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर कार्रवाई की जा रही है। लगभग एक एकड़ क्षेत्र में फैले छांगुर और उसके सहयोगी नीतू की सम्पत्तियों पर प्रशासन ने नोटिस चस्पा किया था जिसमें अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए कहा गया था। छांगुर की कोठी करीब एक एकड़ भूभाग में बनी थी जिसमें 2 बिस्वा जमीन सरकारी थी जिस पर अवैध निर्माण किया गया था। इसी मामले में एक आरोपी रऊफ के खिलाफ पॉक्सो, एससी/एसटी एक्ट और धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत कठोर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। यही नहीं, स्थानीय प्रशासन ने रऊफ के घर को अवैध निर्माण मानते हुए बुलडोजर कार्रवाई भी सुनिश्चित की है। यह सीएम योगी की उस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत संगठित अपराधों में शामिल लोगों की अवैध कमाई से अर्जित सम्पत्तियों को ध्वस्त कर उन्हें आर्थिक और मनोवैज्ञानिक रूप से तोड़ा जा रहा है।
इसी तरह, आगरा के मामले में पुलिस ने कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये गिरोह सुनियोजित तरीके से हिंदू युवतियों को प्रेमजाल, प्रलोभन, भय, विवाह और बहकावे जैसे हथियारों के माध्यम से फंसाकर उनका जबरन धर्मांतरण कर रहा था। यही नहीं, इनके पास से ऐसे दस्तावेज बरामद हुए हैं जिनसे साफ संकेत मिलता है कि इनका संबंध अंतरराष्ट्रीय संगठनों से भी हो सकता है। एक आरोपी के पास से फिलीस्तीन का नक्शा और अरबी में छपे कट्टर इस्लामी विचारधारा वाले पोस्टर बरामद हुए हैं। साथ ही ईसाई मिशनरी से जुड़ा साहित्य भी मिला है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह नेटवर्क हिंदू विरोधी एजेंडे के साथ सक्रिय था। अब तक की जानकारी के मुताबिक यह गिरोह केवल एक दो शहरों तक सीमित नहीं था। इसके नेटवर्क का विस्तार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र,
आगरा, मेरठ, हापुड़, बरेली, मु
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