हमारे लिए दोस्ती हमेशा पहले आती है: मोदी

मालदीव पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भव्य स्वागत

 हमारे लिए दोस्ती हमेशा पहले आती है: मोदी

मालदीव और भारत की मजबूत दोस्ती पर लगाई मुहर

मालदीव को भारत देगा 4,850 करोड़ की ऋण सहायता

हवाई अड्डे पर स्वागत के लिए खुद मौजूद थे मुइज्जू

दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए

 

 

माले, 25 जुलाई (एजेंसियां)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मालदीव की राजधानी माले पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। हवाई अड्डे पर मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू खुद मौजूद थे, उन्होंने पीएम मोदी का स्वागत किया। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति मुइज्जू को गले लगा कर उनका स्वागत स्वीकार किया। हवाई अड्डे पर मालदीव के रक्षा मंत्रीविदेश मंत्री और वित्त मंत्री के साथ ही आंतरिक सुरक्षा मंत्री भी पीएम मोदी की अगवानी के लिए मौजूद थे। मालदीव के रिपब्लिक स्क्वायर पर पीएम मोदी का औपचारिक स्वागत किया गया। इस दौरान भारत और मालदीव के राष्ट्रगान की धुनों के बीच पीएम मोदी का स्वागत हुआ और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। भारत ने मालदीव को 4,850 करोड़ की ऋण सहायता प्रदान करने की घोषणा की है।

मालदीव की राजधानी में प्रेस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमारे लिए दोस्ती हमेशा पहले आती है। सबसे पहले मैं भारत की जनता की ओर से मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के ऐतिहासिक अवसर पर राष्ट्रपति मुइज्जू और यहां की जनता को हार्दिक शुभकामनाएं देना चाहता हूं। इस ऐतिहासिक अवसर पर मुझे मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने के लिए मैं राष्ट्रपति जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि इस वर्ष भारत और मालदीव अपने राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ भी मना रहे हैंलेकिन हमारे संबंधों की जड़ें समुद्र जितनी गहरी हैं। आज जारी किए गए स्मारक डाक टिकटों में दोनों देशों की पारंपरिक नौकाओं को प्रदर्शित किया गया है। यह दर्शाता है कि हम न केवल पड़ोसी हैंबल्कि सह-यात्री भी हैं। हमारे लिए हमेशा दोस्ती पहले आती है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहाभारत मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी है। भारत की 'पड़ोसी पहलेनीति और महासागर विजन में मालदीव का महत्वपूर्ण स्थान है। भारत को मालदीव का सबसे भरोसेमंद दोस्त होने पर गर्व है। चाहे संकट हो या महामारी भारत हमेशा सबसे पहले उनके साथ खड़ा रहा है। चाहे आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता हो या कोविड के बाद अर्थव्यवस्था को संभालना होभारत ने हमेशा साथ मिलकर काम किया है। पिछले साल अक्टूबर में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत यात्रा के दौरान हमने व्यापक आर्थिक और समुद्री साझेदारी पर एक दृष्टिकोण साझा किया था। अब यह एक वास्तविकता बन रहा है। यह उसी का परिणाम है कि हमारे संबंध नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। कई परियोजनाओं का उद्घाटन संभव हो पाया है। भारत के सहयोग से निर्मित 4000 सामाजिक आवास इकाइयां मालदीव के कई परिवारों के लिए एक नई शुरुआत बनेंगी। ये उनके नए घर होंगे। ग्रेटर माले कनेक्टिविटी परियोजनाअड्डू रोड विकास परियोजना और हनीमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का पुनर्विकास जैसी परियोजनाओं के चलते मालदीव आर्थिक केंद्र के रूप में उभरेगा। जल्द ही नौका प्रणाली की शुरुआत के साथ विभिन्न द्वीपों के बीच आवागमन आसान हो जाएगा। उसके बाद द्वीपों के बीच की दूरी केवल नौका समय के संदर्भ में मापी जाएगीन कि जीपीएस के संदर्भ में।

दोनों देशों के बीच हुए समझौतों में  4,850 करोड़ रुपए की ऋण रेखा (लाइन ऑफ क्रेडिट) का विस्तार। भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित ऋणों की वार्षिक पुनरभुगतान बाध्यता में छूट। भारत-मालदीव मुक्त व्यापार समझौते (आईएमएफटीएपर वार्ता की शुरुआत। भारत-मालदीव राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ पर संयुक्त डाक टिकट जारी की। हुलहुमाले में 3300 सामाजिक आवास इकाइयों का हस्तांतरण। अड्डू शहर में सड़क और जल निकासी प्रणाली परियोजना का उद्घाटन। मालदीव में 6 हाई-इम्पैक्ट सामुदायिक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन। भारत ने मालदीव को 72 वाहनों और अन्य उपकरणों का सौंपा। कोप-33 की मेजबानी के लिए मालदीव ने भारत का किया समर्थन शामिल हैं।

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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा,  प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा दो महत्वपूर्ण अवसरों के साथ हो रही है। कल प्रधानमंत्री मोदी मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मेरे साथ शामिल होंगे। आज हमने मालदीव के साथ औपचारिक राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में संयुक्त रूप से एक स्मारक डाक टिकट जारी किया है। प्रधानमंत्री मोदी और मुझे कई प्रमुख क्षेत्रों में चार समझौता ज्ञापनों और तीन समझौतों पर हस्ताक्षर होते देखने का सम्मान प्राप्त हुआ। इनमें 565 मिलियन डॉलर का एक ऋण समझौता भी शामिल है। इसका उपयोग प्रमुख क्षेत्रों में मेरी सरकार की प्राथमिकता वाली परियोजनाओं के लिए किया जाएगा। राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहामुझे भारत और मालदीव के बीच मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत शुरू होने की घोषणा करते हुए भी खुशी हो रही है। यह ऐतिहासिक पहल हमारी आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारी प्रमुख ग्रेटर माले कनेक्टिविटी परियोजना पूरी हो जाने पर भारत और मालदीव के बीच स्थायी साझेदारी का एक स्थायी प्रतीक बन जाएगी। मैं मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल को 72 वाहन प्रदान करने के लिए भारत के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। मैं स्वास्थ्य क्षेत्र में मालदीव के प्रमुख भागीदार के रूप में भारत सरकार की भूमिका के लिए उसे धन्यवाद देता हूं। राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि मालदीव कोप-33 के मेजबान के रूप में भारत को अपना पूर्ण समर्थन देगा। हम सफल और प्रभावशाली परिणाम के लिए वैश्विक प्रयासों का नेतृत्व करने की भारत की क्षमता को पहचानते हैं।

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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव के माले स्थित रिपब्लिक स्क्वायर में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकरराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभालविदेश सचिव विक्रम मिस्री और भारत सरकार के अन्य अधिकारियों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका परिचय कराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने माले में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। पीएम मोदी ब्रिटेन की यात्रा के बाद आज मालदीव पहुंचे। दो दिवसीय दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। प्रधानमंत्री मोदी मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू के आमंत्रण पर मालदीव पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री की यह मालदीव की तीसरी यात्रा है। मोहम्मद मुइज्जू सरकार के कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा इसलिए भी अहम हैक्योंकि यह दोनों देशों के संबंधों में आए तनाव के बाद पहली बार हो रही है। हालांकि उसके पहले मोहम्मद मुइज्जू भारत आकर तनाव को काफी कम चुके थे। प्रधानमंत्री मोदी की पिछली मालदीव यात्रा जून 2019 में हुई थी।

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प्रधानमंत्री मोदी की दो दिवसीय मालदीव यात्रा पर मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहामालदीव और भारत के बीच संबंधों ने हमेशा यह दिखाया है कि भारत पहली प्रतिक्रिया देने वाला देश है। जब भी हम अंतरराष्ट्रीय लाइन पर डायल करते हैंभारत सबसे पहले प्रतिक्रिया देता है। इसके कई कारण हैं। सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि भारतीय लोगों का दिल बड़ा है और वे मालदीव की सहायता के लिए हमेशा तैयार रहते हैंवे बहुत उदार हैं। दूसराभारत भौगोलिक रूप से मालदीव के बहुत करीब है। जब भी मालदीव में कोई आपात और संकटपूर्ण घटना होती हैभारत ने हमें कभी निराश नहीं किया है। भारत सरकार द्वारा मालदीव की सहायता में वृद्धि उनकी उदारता और परिपक्वता को दर्शाती है। कूटनीतिक तनाव के बावजूदभारत ने फैसला किया कि संबंध लोगों के बीच है और सरकारें बदलती रहती हैंसत्ता में राजनीतिक दल बदलते रहते हैं लेकिन हमारे दोनों लोगों के बीच मौजूद संबंध ठोस आधार पर हैं और कभी नहीं बदले हैं।

पीएम मोदी के मालदीव दौरे पर माले में भारत के उच्चायुक्त जी बालासुब्रमण्यम ने कहापीएम मोदी के मालदीव दौरे को लेकर भारतीय समुदाय में काफी उत्साह है। इस दौरे पर दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी और विभिन्न मुद्दों पर समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इनमें विभिन्न प्रोजेक्ट के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट या मदद दी जाएगी। दूसरे दिन पीएम मोदी मालदीव के राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। मालदीव पहुंचने के पहले पीएम मोदी ब्रिटेन के दौरे पर थे, जहां उनकी मौजूदगी में भारत-ब्रिटेन के बीच व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। वहीं ब्रिटेन में पीएम मोदी ने अपने ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टार्मर और किंग चार्ल्स तृतीय से भी मुलाकात की।

पीएम मोदी की दूरदर्शी सोच और कूटनीतिक समझ का नतीजा है कि वह मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस में मुख्य अतिथि होंगे। दुनिया जहां भारत के सबसे करीबी समुद्री भागीदारों में से एक को भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के हाथों खोने की आशंका जता रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अभूतपूर्व संयम और रणनीतिक धैर्य दिखाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी कूटनीति ने भारत के पड़ोसी देशोंविशेषकर मालदीव के साथ संबंधों में एक ऐतिहासिक और प्रभावशाली जीत हासिल की है। दो साल पहलेजब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू इंडिया आउट मुहिम के साथ सत्ता में आए थेतब अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने भारत की मालदीव नीति की मृत्यु की भविष्यवाणी कर दी थी। जल्दबाजी में जवाबी कार्रवाई के बजाय सरकार ने शांत और स्थिर दृष्टिकोण अपनाया। पीएम मोदी मुइज्जू को बधाई देने वाले पहले विश्व नेता थे। यह दूरदर्शिता ही थी जिसने संबंधों को मजबूत किया है। नतीजा सामने है और पीएम मोदी राष्ट्रपति मुइज्जू की सरकार में मालदीव में राजकीय यात्रा पर जाने वाले पहले विदेशी नेता बन गए। वह मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं। यह एक ऐसा निमंत्रण जो इंडिया आउट के नारों को कमजोर करता है और कुछ वक्त पहले के संबंधों में आई उल्लेखनीय प्रगति और विश्वास को दर्शाता है।

रक्षासमुद्री और क्षमता निर्माण सहयोग भी जारी रहा हैजो किसी अन्य भागीदार के मुकाबले बेजोड़ है। भारत का मजबूत व्यापार और निवेश 54.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर को पार कर गया हैजिसमें भारतीय व्यवसाय और पर्यटक मालदीव के तटों को व्यस्त रखते हैं। मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने खुद भारत को मालदीव के सामाजिक-आर्थिक और बुनियादी ढांचा विकास में एक प्रमुख भागीदार बताया है। राष्ट्रपति मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद सेभारत ने एक सच्चे और विश्वसनीय मित्र के रूप में अपनी भूमिका निभाई है। भारत ने आपातकालीन वित्तीय सहायता (40 करोड़ अमेरिकी डॉलर की और 3,000 करोड़ रुपए का मुद्रा स्वैप सहित)क्षमता निर्माण सहायताऔर 13 नए समझौता ज्ञापनों के माध्यम से मालदीव में नौका सेवाओं का विस्तार करके मालदीव का निरंतर समर्थन किया है।

मालदीव की ही तरह श्रीलंका में भी राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने पदभार संभालने के बाद जानकारों ने आशंका जताई थी कि नई दिल्ली-कोलंबो संबंध नकारात्मक दिशा में चले जाएंगे। दावे किए गए कि श्रीलंका के वामपंथी झुकाव से भारत को चिंतित होना पड़ सकता है। हालांकिसंबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत हुए हैं। यह दर्शाता है कि भारत का सम्मानजनक साझेदारीसमय पर समर्थन और रणनीतिक धैर्य का अद्वितीय दृष्टिकोण निर्णायक रूप से काम करता है। विश्वास के एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप मेंपीएम मोदी ने हाल ही में इस साल की शुरुआत में श्रीलंका का राजकीय दौरा कियाजो नए नेतृत्व के तहत प्राप्त होने वाले पहले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष बने। एक अभूतपूर्व हावभाव मेंराष्ट्रपति दिसानायके ने समारोहिक स्वागत से लेकर संयुक्त सार्वजनिक कार्यक्रमों और प्रतिष्ठित सांस्कृतिक स्थलों तकपीएम मोदी के पूरे दौरे में व्यक्तिगत रूप से साथ दिया।

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