कांग्रेसी सरकार चलाने के लायक नहीं: गोविंद करजोल
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| पूर्व उपमुख्यमंत्री और सांसद गोविंद करजोल ने आरोप लगाया है कि कांग्रेसी कर्नाटक में सरकार चलाने के लायक नहीं हैं| यहाँ मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मानसून शुरू होने से पहले इस मौसम में राज्य में कितने हेक्टेयर में बुवाई होगी? कौन सी फसलें बोई जाएँगी? डीएपी और यूरिया सहित कितनी खाद की आवश्यकता होगी?
जिला प्रभारी मंत्री को एक बैठक के माध्यम से यह सारी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए थी| उन्होंने कहा कि यदि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की बैठक में विभिन्न जिलों से प्राप्त जानकारी को संहिताबद्ध किया जाता, तो पर्याप्त गणना प्राप्त हो जाती| राज्य ने मानसून सीजन के लिए लगभग ६.३० लाख टन खाद का प्रस्ताव भेजा है, और केंद्र ने ७.७० लाख टन खाद उपलब्ध कराई है| माँग से ज्यादा दिए जाने पर हंगामा क्यों हो रहा है? यह कम कैसे है? प्रशासन को इस बारे में सोचने की जरूरत है| कुछ खाद तस्कर हैं|
उन्होंने शिकायत की कि वे बाजार में उर्वरक की कृत्रिम कमी पैदा कर रहे हैं और किसानों को ऊँची कीमतों पर बेच रहे हैं| आपने जिलेवार इस्तेमाल नहीं देखा| मंत्री दिखावे के लिए नहीं होते| जिला मंत्री जिले के मुख्यमंत्री की तरह होते हैं| अगर वे उस तरह से शासन नहीं करते, तो सिद्धरामैया को इस बारे में सोचना चाहिए कि जिला प्रभारी मंत्रियों की व्यवस्था जारी रखी जाए या समाप्त कर दी जाए| इस सरकार को दलितों की कोई चिंता नहीं है| सिद्धरामैया बजट में जनसंख्या के हिसाब से अनुदान देने के लिए अपनी पीठ थपथपाते हैं| हजारों सालों से सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित दलितों, खासकर अछूतों के उत्थान के लिए विशेष अनुदान देने की व्यवस्था है| उस अनुदान का दुरुपयोग करना उचित नहीं है|
गोविंद करजोल ने मांग की कि उस राशि का इस्तेमाल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए विशेष योजनाएँ प्रदान करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए किया जाना चाहिए| कांग्रेस पार्टी जहाँ सत्ता में है, वहाँ इस तरह के धन का दुरुपयोग कर रही है| वह वोट बैंक की राजनीति कर रही है| उन्होंने सिद्धरामैया की आलोचना की, जो विशेष योजनाओं का पैसा चुराकर वोट बैंक की राजनीति करते हैं और खुद को अछूत नेता बताते हैं|