भाजपा नेता आंतरिक समझौते के बारे में लोगों को गुमराह कर रहे: मंत्री एच.सी. महादेवप्पा

भाजपा नेता आंतरिक समझौते के बारे में लोगों को गुमराह कर रहे: मंत्री एच.सी. महादेवप्पा

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा ने कहा कि भाजपा नेता आंतरिक आरक्षण के मुद्दे पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं| राज्य सरकार नागमोहन दास आयोग की रिपोर्ट आने के २० दिनों के भीतर आंतरिक आरक्षण लागू कर देगी| पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि १९९२ में कांग्रेस सरकार ने आंतरिक आरक्षण के लिए न्यायमूर्ति सदाशिव आयोग का गठन किया था| इसकी रिपोर्ट भी सौंप दी गई थी| लेकिन भाजपा सरकार ने सदाशिव आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और कहा था कि यह एक बंद अध्याय है|


गोविंद करजोल, जो अब लड़ने की बात कह रहे हैं, राज्य की भाजपा सरकार में मंत्री थे| ए. नारायण स्वामी केंद्र में समाज कल्याण मंत्री थे| उन्होंने कहा कि सदाशिव आयोग की रिपोर्ट इसलिए खारिज कर दी गई क्योंकि दोनों के कार्यकाल में आंतरिक आरक्षण लागू नहीं किया गया था| कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही केंद्र को आंतरिक आरक्षण लागू करने का प्रस्ताव सौंपा था| उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि राज्य सरकारों के पास आंतरिक आरक्षण देने का अधिकार है| इसके आधार पर, हमने अनुभवजन्य आँकड़े एकत्र करने के लिए न्यायमूर्ति नागमोहन दास की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया है|

उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के १५-२० दिनों के भीतर हम आंतरिक आरक्षण लागू कर देंगे| कांग्रेस ने चित्रदुर्ग अधिवेशन में ही आंतरिक आरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा की थी| पार्टी अपने वचन पर अडिग है| जैसा कहा गया था वैसा ही हो रहा है| जब हम आंतरिक आरक्षण लागू करने के चरण में हैं, तो भाजपा राजनीतिक कारणों से विरोध कर रही है| उन्होंने आरोप लगाया  कि यह लोगों के उत्थान के लिए एक दुर्भावनापूर्ण इरादा है| भाजपा को विरोध करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है| उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि हमें उन लोगों से नैतिक सबक सीखने की जरूरत नहीं है जिन्होंने पहले रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और आरक्षण के खिलाफ थे|

एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला प्रशासनिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं| उनका कोई संवैधानिक दर्जा नहीं है| इसलिए, उन्हें बैठक आयोजित करने का अधिकार नहीं है| नलवाडी कृष्णराज वाडियार और साहू महाराज से किसी की तुलना नहीं की जा सकती| वे विकास के लिए प्रतिबद्ध थे| उनका प्रशासन सभी के लिए प्रेरणा है| यतींद्र सिद्धरामैया ने विकास के मुद्दे पर अपनी बात रखी है| उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी की किसी से तुलना नहीं की है| नलवाडी कृष्णराज के कार्यकाल में सभी क्षेत्रों में विकास हुआ था| उसके बाद कोई विकास नहीं हुआ| सिद्धरामैया की सरकार में और भी ज्यादा विकास हुआ| महादेवप्पा ने चुनौती दी थी कि अगर भाजपा ने विकास किया है, तो खुली बहस के लिए आएँ| यतींद्र के बयान में कुछ भी गलत नहीं है| सिद्धरामैया जनता के टैक्स के पैसे का इस्तेमाल निष्पक्ष विकास के लिए कर रहे हैं|

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उन्होंने बचाव करते हुए कहा कि यतींद्र ने भी यही कहा था|
एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे किसी भी पद को संभालने की क्षमता रखते हैं| उन्हें उच्च पद मिलना चाहिए| केवल कांग्रेस में ही दलित मुख्यमंत्री बन सकते हैं|

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