अपार-आईडी में यूपी शीर्ष, प. बंगाल सबसे पीछे

31.56 करोड़ छात्रों को मिली यूनिक डिजिटल पहचान

अपार-आईडी में यूपी शीर्ष, प. बंगाल सबसे पीछे

नई दिल्ली, 30 जुलाई (एजेंसियां)। देशभर में कुल 31.56 करोड़ छात्रों को ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार आईडी) के तहत 12 अंकों की विशिष्ट डिजिटल पहचान मिल गई है। इसमें से 13.89 करोड़ छात्र स्कूलों के हैं। सबसे अधिक उत्तर प्रदेश के 2.46 करोड़ स्कूली छात्र शामिल हैं। यूपी के कुल 2.54 लाख स्कूलों में 94 प्रतिशत स्कूलों के छात्र अपार-आईडी से जुड़े चुके हैं। हालांकि अभी भी 1.68 करोड़ बाकी हैं।

खास बात यह है कि केंद्र और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच रिश्तों में खटास का असर स्कूली शिक्षा की योजनाओं पर भी पड़ा है। पश्चिम बंगाल देश में एकमात्र ऐसा राज्य हैंजहां 1.76 करोड़ छात्र पढ़ते हैं पर एक भी छात्र ने अपार-आईडी के लिए पंजीकरण नहीं किया है।

उत्तर प्रदेश में 2.46 करोड़ छात्रों को अपार-आईडी प्राप्त हुई। इसके बाद महाराष्ट्र के 1.83 करोड़ छात्र, बिहार के 1.21 करोड़ छात्र, राजस्थान के 1.03 करोड़ छात्र, हरियाणा के   48.54 लाख छात्र, पंजाब के 35.94 लाख छात्र, दिल्ली के 34.77 लाख छात्र, उत्तराखंड के 16.33 लाख छात्र, जम्मू-कश्मीर के    13.78 लाख छात्र, हिमाचल प्रदेश के 9.06 लाख छात्र, चंडीगढ़ के 2.19 लाख छात्र, लद्दाख के 45 हजार छात्र, मध्य प्रदेश के 99 हजार छात्र, नवोदय विद्यालय के 2.69 लाख छात्र और केंद्रीय विद्यालय के 10.70 लाख छात्रों का अपार-आईडी में रजिस्ट्रेशन हुआ है।

केंद्र समेत अधिकतर राज्यों ने 29 जुलाई को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की पांचवीं वर्षगांठ मनाई। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में अपार-आईडी छात्रों के लिए प्रमुख सिफारिशों में से एक थी। इसका मकसद छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण करना थाताकि उन्हें विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में आसानी से स्थानांतरणछात्रवृत्तिसरकारी योजनाओं में लाभ और उनके शैक्षणिक प्रगति की निगरानी के साथ शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके।

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देशभर में कुल 14,72,390 स्कूलों में 24.74 करोड़ छात्र पढ़ाई करते हैं। इसमें से अभी 13.89 करोड़ छात्रों की अपार-आईडी बन चुकी है। इसमें यूपी पहले तो महाराष्ट्र 1.83 करोड़ छात्रों के साथ दूसरे तो बिहार 1.21 करोड़ के साथ तीसरे स्थान पर है। जबकि उत्तराखंड में 16.33 लाखहरियाणा में 48.54 लाख,चंडीगढ़ में 2.19 लाख,हिमाचल में 9.06 लाखजम्मू-कश्मीर में 13.78 लाखलद्दाख के 45 हजारमध्य प्रदेश के 99 हजारराजस्थान के 1.03 करोड़पंजाब में 35.94 लाखदिल्ली के 34.77 लाख को यूनिक नंबर मिल चुका है। इसके अलावा नवोदय स्कूल में 2.69 लाख और केंद्रीय विद्यालय के 10.70 लाख छात्र शामिल हैं। इसके अलावा 17 अप्रैल को एक दिन में एक लाख से अधिक अपार-आईडी बनने का रिकार्ड बना है।

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अपार आईडी छात्रों के लिए एक 12 अंकों की विशिष्ट डिजिटल पहचान हैजिसे ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री के रूप में जाना जाता है। यह छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड जैसे कि परीक्षा परिणामप्रमाण पत्रऔर अन्य उपलब्धियों को डिजिटल रूप से संग्रहीत करने के लिए है। अपार आईडी छात्रों को एक ही स्थान पर अपनी सभी शैक्षणिक जानकारी तक पहुंचने में मदद करती है।

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