पंचायत चुनाव में सत्ताधारी पार्टी भाजपा की जीत

पंचायत चुनाव में सत्ताधारी पार्टी भाजपा की जीत

देहरादून, 02 अगस्त (एजेंसियां)। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की भारी जीत दर्ज हुई है। लेकिन उत्तराखंड के मतदाताओं ने परिवारवाद को बरी तरह ठुकरा दिया। भाजपा ने जहां भी नेताओं के परिजनों को मैदान में उताराजनता ने उन्हें नकार दिया। पंचायत चुनाव में पार्टी दिग्गजों के बहूबेटेपत्नी को मतदाताओं ने सिरे से नकार दिया है।

नैनीताल में भाजपा विधायक सरिता आर्या के बेटे रोहित आर्यासल्ट विधायक महेश जीना के बेटे करन को स्याल्दे बबलिया क्षेत्र पंचायत सीटबदरीनाथ के पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी की पत्नी रजनी भंडारीलोहाघाट के पूर्व विधायक पूरन सिंह फर्त्याल की बेटीलैंसडोन विधायक दिलीप रावत की पत्नीनैनीताल जिला में भाजपा की निर्वतमान जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलियाभीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा की बहूचमोली भाजपा जिलाध्यक्ष गजपाल भर्तवाल जैसे तमाम दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा।

भाजपा चुनाव में कांग्रेस पर परिवारवाद को लेकर सियासी प्रहार करती रही। मतदाताओं ने कांग्रेस के परिवारवाद को स्वीकार कियाजबकि भाजपा को नकारा है। राजनीतिक दिग्गजों का मानना है कि भाजपा ने समर्थन देने में अगर परिवारवाद के बजाय मजबूत दावेदारों का चयन किया होता तो चुनाव नतीजों की तस्वीर कुछ और ही सामने होती। पंचायत चुनाव की यह जीत न केवल उत्साहवर्धक है बल्कि ऐतिहासिक भी है। भाजपा को 2019 में 200 सीटें मिली थीं। उसमें हरिद्वार भी शामिल था। अब भाजपा को हरिद्वार छोड़कर 216 सीटें मिली हैं। उस लिहाज से हरिद्वार की 44 सीटों को जोड़कर यह आंकड़ा 260 है। यह अब तक सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार की पंचायतों में ऐतिहासिक जीत है। सभी जिलों में भाजपा का बोर्ड बनने जा रहा है।