मदरसों में अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे भी पढ़ेंगे

उत्तराखंड में नए शिक्षा विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी

मदरसों में अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे भी पढ़ेंगे

देहरादून, 18 अगस्त (एजेंसियां)। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान विधेयक, 2025 को पेश करने के निर्णय को मंजूरी दे दी है। यह विधेयक मदरसा बोर्ड और राज्य में अल्पसंख्यकों द्वारा संचालित संस्थानों को नियंत्रित करने वाले नियमों को निरस्त कर देगा। आधिकारिक सूचना के अनुसारप्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों के लाभों को मुसलमानों के अलावा अन्य अल्पसंख्यक समुदायों तक पहुंचाना है।

इस बिल के सामने आने से मुस्लिम समुदाय में यह चिंता पैदा हो गई है कि प्रस्तावित कानून संविधान के अनुच्छेद 26 और 30 के तहत उनके अधिकारों का हनन कर सकता है जो शैक्षणिक संस्थान चलाने और धार्मिक मामलों के प्रबंधन के अधिकार प्रदान करते हैं। प्रस्तावित विधेयक के लागू होने से 1 जुलाई 2026 से मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में गुरुमुखी और पाली की पढ़ाई की भी अनुमति मिल जाएगी। इससे उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2016 और उत्तराखंड गैर-सरकारी अरबी और फ़ारसी मदरसा मान्यता नियम, 2019 भी भंग हो जाएंगे।

ये नियम मदरसा बोर्ड को पाठ्यक्रम तैयार करनेपरीक्षा आयोजित करने और मदरसों का निरीक्षण करने का अधिकार देते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं। वर्तमान मेंबोर्ड के पास एक मान्यता समिति है जो मदरसों को मान्यता प्रदान करने का काम करती है। बोर्ड के नियमों में कहा गया हैसमिति में 13 सदस्यीय बोर्ड द्वारा नामित एक सदस्यएक एकेडमिक रैंक मेंबरडिप्टी-रजिस्ट्रार और एक हेडमास्टर रैंक का सदस्य होगा। प्रस्तावित विधेयक से संस्थान की मान्यता रद्द होने की संभावना है क्योंकि यह सिखोंजैनियोंईसाइयोंबौद्धों और पारसियों को अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान चलाने की अनुमति देता है जबकि वर्तमान प्रावधान केवल मुसलमानों के लिए है। वर्तमान मेंराज्य भर में 452 मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हैं।

यह अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए शिक्षण संस्थानों को संबंधित प्राधिकारी से मान्यता प्राप्त करना भी अनिवार्य करता है। इसके अलावाशिक्षण संस्थान का सोसाइटी अधिनियमट्रस्ट अधिनियम या कंपनी अधिनियम के तहत रजिस्टर होना और जमीनबैंक खातों और अन्य संपत्तियों का स्वामित्व संस्थान के नाम पर होना आवश्यक है। पत्र में कहा गया हैवित्तीय कुप्रबंधनपारदर्शिता की कमी या धार्मिक और सामाजिक सद्भाव के विरुद्ध गतिविधियों के मामलों में मान्यता वापस ली जा सकती है।

Read More शांति प्रयासों के लिए भारत की पहल सराहनीय : पुतिन

#मदरसा_शिक्षा, #अल्पसंख्यक_समुदाय, #शिक्षा_सुधार, #मदरसा, #समावेशी_शिक्षा, #भारत_समाचार, #शिक्षा_नीति, #सभी_के_लिए_शिक्षा

Read More  सात घंटे के अंदर लखनऊ में हुए दो धमाके