मदरसे में मौलाना समेत चार कट्टरपंथी पकड़े गए
बरेली में भी हुआ धर्मांतरण गिरोह का पर्दाफाश
बरेली, 26 अगस्त (एजेंसियां)। बरेली के भुता थाना क्षेत्र के फैजनगर स्थित मदरसे में धर्मांतरण का खेल चल रहा था। एक महिला की शिकायत पर जांच के बाद पुलिस ने मदरसे में छापा मारा, वहां एक शिक्षक के धर्मांतरण की तैयारी चल रही थी। पुलिस ने मौके से मदरसा संचालक मौलाना समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
इस गिरफ्तारी के साथ ही बरेली में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर की तरह धर्मांतरण कराने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ। पुलिस ने मदरसा संचालक समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना अब्दुल मजीद है। यह गिरोह लोगों को लालच देकर उनका धर्मांतरण करता था। आरोपियों से धार्मिक पुस्तकें, सीडी, शैक्षिक दस्तावेज, पासपोर्ट, बैंक पासबुक, आधार कार्ड आदि बरामद हुआ है। एसपी दक्षिणी अंशिका वर्मा ने गिरोह के बारे में जानकारी दी।
बताया गया कि अलीगढ़ के थाना क्वार्सी क्षेत्र की निवासी अखिलेश कुमारी ने भुता थाने में गांव फैजनगर निवासी अब्दुल मजीद, महमूद बेग, सलमान और आरिफ और एक अन्य के खिलाफ तहरीर दी। शिकायत थी कि इन लोगों ने उनके दृष्टिबाधित पुत्र प्रभात उपाध्याय को शादी का प्रलोभन दिया और उसे जबरन फैजनगर स्थित मदरसे में रोक रखा है। वे उसका धर्मांतरण करना चाहते हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में भोजीपुरा के सैदपुर चुन्नीलाल निवासी मोहम्मद फईम का नाम सामने आया।
एसपी दक्षिणी अंशिका वर्मा ने बताया कि 25 अगस्त को भुता थाने की पुलिस टीम फैजनगर स्थित मदरसा में पहुंची। वहां चार-पांच लोग एक प्रभात को घेरे बैठे थे। प्रभात के खतना की तैयारी चल रही थी। उसका नाम हामिद रखा जाना भी तय हो गया था। पुलिस ने आरोपियों को पकड़कर धर्मांतरण रोका। तलाशी के दौरान प्रभात के पास 10 पुस्तकें बरामद हुईं। 12 सीडी जिनमें इस्लामिक उकसावे वाली तकरीरें और जाकिर नाइक के वीडियो हैं। पुलिस ने आरोपियों से धर्मांतरण के तीन प्रमाणपत्र, पासपोर्ट, आधार कार्ड आदि दस्तावेज बरामद किए हैं। पकड़े गए लोगों में अब्दुल मजीद निवासी फैजनगर, थाना भुता, सलमान निवासी करेली, थाना सुभाषनगर, मोहम्मद आरिफ निवासी करेली, थाना सुभाषनगर, और मोहम्मद फईम निवासी सैदपुर चुन्नीलाल, थाना भोजीपुरा शामिल हैं।
जांच में पता लगा कि इसी गिरोह ने बरेली के सुभाषनगर क्षेत्र निवासी ब्रजपाल साहू को अब्दुल्ला बनाया था। उसकी बहन राजकुमारी का धर्मांतरण कर आयशा और मां ऊषा कुमारी को अमीना बनाया। आरोपियों ने एक नाबालिग लड़के को भी प्रभावित किया है। उसे ड्रग्स का आदी बना दिया, जिससे उसके तौर तरीके बदल गए। अब तक की जांच में सामने आया है कि ये आरोपी कई राज्यों में घूमकर चंदा जुटाकर मदरसे को चलाते थे। सलमान और उसकी बीवी के 12 बैंक खाते हैं। अब्दुल मजीद के पांच खाते हैं। दो हजार से ज्यादा ट्रांजैक्शन मिले हैं। विदेशी फंडिंग के एंगल पर भी पुलिस जांच कर रही है। इन लोगों का छांगुर गैंग से कोई कनेक्शन तो नहीं है, इसका भी पुलिस पता लगाने में जुटी है।
दूसरी तरफ, धर्मांतरण गिरोह के सरगना छांगुर की करीबी नीतू पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कसता जा रहा है। नीतू की 13 करोड़ से अधिक की सम्पत्तियां ईडी ने जब्त की हैं। छांगुर और उसकी सहयोगी नीतू और उसका पति नवीन रोहरा पहले से जेल में है। जांच में विदेशी फंडिंग और करोड़ों की सम्पत्ति खरीद का खुलासा हुआ है। जब्त की गई संपत्तियां उतरौला क्षेत्र में हैं। ईडी की जांच एटीएस, लखनऊ की एफआईआर पर आधारित है।
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