सभी कपड़ों पर 5% से अधिक जीएसटी न हो
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना से मिले कपड़ा व्यापारी
लखनऊ, 26 अगस्त (एजेंसियां)। राजधानी लखनऊ में मंगलवार को व्यापारियों ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना से मुलाकात की। उन्होंने मंत्री को अपना मांग पत्र सौंपा। वित्त मंत्री को बताया गया कि जीएसटी लागू होने से पहले कपड़ों पर कभी कोई टैक्स नहीं लगता था। इससे बड़ी संख्या में लोग इस व्यापार से जुड़ रहे थे। यह व्यापार लोगों की रोजी रोटी का साधन बन रहा था। लेकिन, कपड़ों पर जीएसटी लागू होने के पांच वर्षों के अंदर 30 प्रतिशत से अधिक दुकानें बंदी की कगार पर पहुंच गई हैं।
व्यापारियों ने प्रमुख रूप से सभी कपड़ों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने की मांग की है। मौजूदा समय में पॉलिएस्टर धागे (यार्न) पर 12 प्रतिशत और कॉटन धागे (यार्न) पर पांच प्रतिशत जीएसटी लागू है। वहीं रेडीमेड कपड़ों पर 12 प्रतिशत और अनसिले कपड़े पर पांच प्रतिशत जीएसटी लागू है। व्यापारियों ने कहा कि देश के बड़े उद्योगपतियों ने कॉकस बना लिया है। वे जब चाहते हैं एकजुट होकर कपड़ों पर रेट बढ़ा लेते हैं। इस मनमर्जी पर अंकुश लगना चाहिए। छोटे व्यापारियों को भी जीएसटी में सुविधा मिलनी चाहिए। उनका दायरा 40 लाख से बढ़ाकर 60 लाख किया जाना चाहिए। इससे जीएसटी रजिस्ट्रेशन की संख्या बढ़ेगी। ऑनलाइन बाजार ने कपड़े के कारोबार को काफी नुकसान पहुंचाया है। इससे पिछले दो-तीन वर्षों से कारोबार बैठ गया है। जीएसटी की अलग-अलग दरों से भी व्यापार प्रभावित हुआ है। इसके अलावा व्यापारियों ने बाजारों में सर्वे छापों पर अविलंब प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है। व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल में व्यापारी नेता अशोक मोतियानी (अध्यक्ष), अनिल बजाज (महामंत्री), सुरेश छाबलानी, प्रभु जालान, श्याम कृषनानी, पुनीत लालचंदानी समेत अन्य व्यापारी मौजूद थे।