अवैध घुसपैठ और अपराध रोकने पर दोनों देश सहमत
ढाका में हुई बीएसएफ और बीजीबी के डीजी स्तर की बैठक
चार दिवसीय बैठक में कई जरूरी मसलों पर हुई चर्चा
ढाका/नई दिल्ली (एजेंसियां) भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) की महानिदेशक स्तर की चार दिवसीय बैठक में सीमा सुरक्षा मजबूत करने और अवैध घुसपैठ रोकने पर सहमति बनी है। बीएसएफ के महानिदेशक (डीजी) दलजीत सिंह चौधरी ने बांग्लादेशी पक्ष को भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को वापस भेजने की बात बता दी है। दोनों देशों के सुरक्षाबलों के बीच एक संयुक्त चर्चा रिकॉर्ड पर हस्ताक्षर किया गया है। इस बातचीत में दोनों देश सीमा पर सुरक्षा मजबूत करने और अवैध घुसपैठ पूरी तरह से रोकने पर सहमत हुए हैं। यह चर्चा 25 अगस्त को ढाका में शुरू हुई थी, जिसमें भारत और बांग्लादेश की ओर से बड़े अधिकारी शामिल हुए।
भारत की ओर से प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई खुद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डीजी दलजीत सिंह चौधरी ने की। उन्होंने 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की, जिसमें बीएसएफ के बड़े अधिकारी समेत गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग के अफसर शामिल हुए। वहीं बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई बीजीबी के डीजी मेजर जनरल मोहम्मद अशरफुज्जमान सिद्दीकी ने की, जिसमें 21 सदस्य शामिल थे। चार दिनों की इस चर्चा में बीएसएफ और बीजीबी ने विस्तृत मुद्दों पर बात की, जिसमें सीमा पर मुस्तैदी बढ़ाने की बात भी शामिल है। दोनों देशों की ओर से साझा बयान भी जारी किया गया।
बीएसएफ डीजी बीजीबी प्रमुख को आधिकारिक तौर पर जानकारी दे दी है अवैध रूप से भारत में घुस बांग्लादेशियों को वापस भेजा जाएगा। दोनों पक्ष इस बात पर राजी हुए हैं कि वे मिलकर जागरूकता अभियान चलाएंगे। वे पिछड़े क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास की योजनाएं भी लागू करेंगे और सीमा की पवित्रता का सम्मान करेंगे। उद्देश्य है कि अपराध करने वाले लोग सीमा पार न कर पाएं। इसके अलावा चर्चा के दौरान बीएसएफ डीजी ने स्पष्ट कर दिया कि जो बांग्लादेशी नागरिक भारत में अवैध तरीके से रह रहे हैं, उन्हें आपसी सहमति और तय प्रक्रिया के तहत वापस भेजा जाएगा। इसके अलावा भारत और बांग्लादेश सीमा पर कुछ और बातों पर सहमत हुए हैं। मसलन, दोनों देश अंतरराष्ट्रीय सीमा के 150 यार्ड के भीतर कोई भी नया काम शुरू करने से पहले एक दूसरे से बात कर लेंगे। इसके अलावा दोनों मिलकर नदियों का कटाव रोकने के लिए काम करेंगे। दोनों देश सीमा के पास होने वाली अवैध गतिविधियों जैसे, तस्करी, मानव तस्करी, पिलर से छेड़छाड़ पर सख्ती से लगाम लगाएंगे। इसके अलावा आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए रियल-टाइम सूचना साझा करेंगे। कोई देश हवाई क्षेत्र का उल्लंघन न करें, इसपर भी सहमति बनी है और किसी भी तरह की गलतफहमी न हो इसके लिए, इस तरह की तय गतिविधियों की सूचनाओं का पहले ही आदान-प्रदान करेंगे।
बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) और भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बीच 56वां महानिदेशक स्तरीय सीमा सम्मेलन 25 अगस्त को ढाका के पिलखाना स्थित बीजीबी मुख्यालय में शुरू हुआ था। यह चार दिवसीय सम्मेलन 25 अगस्त से 28 अगस्त, 2025 तक चला। शेख हसीना सरकार के 2024 में गिरने के बाद भारतीय प्रतिनिधिमंडल का ढाका में यह पहला दौरा था। बांग्लादेश से लगी सीमा पर अपराध और घुसपैठ एक बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बीएसएफ महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने किया, जिसमें 11 सदस्य शामिल थे। 21 सदस्यीय बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बीजीबी के महानिदेशक मेजर जनरल मोहम्मद अशरफज्जमां सिद्दीकी ने किया। बीजीबी के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा, प्रतिनिधिमंडल में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, जहाजरानी मंत्रालय, सड़क प्रभाग, भूमि सर्वेक्षण विभाग, संयुक्त नदी आयोग और मादक पदार्थ नियंत्रण विभाग के सलाहकार और प्रतिनिधि शामिल थे।
सम्मेलन में सीमा पर हत्याओं, घुसपैठ और अवैध घुसपैठ को रोकने सहित कई मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया। दोनों पक्षों ने सीमा पार से होने वाले अपराधों जैसे मादक पदार्थों की तस्करी, हथियारों की तस्करी और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की आवाजाही पर अंकुश लगाने के उपायों पर चर्चा की। अन्य प्रमुख विषयों में सीमा पर विकासात्मक गतिविधियों को लागू करना, अंतर्राष्ट्रीय सीमा के 150 गज के भीतर अनधिकृत बुनियादी ढांचे के निर्माण को रोकना, और समान जल बंटवारा सुनिश्चित करते हुए सीमावर्ती नदियों के तटों का संरक्षण शामिल रहा। एकीकृत सीमा प्रबंधन योजना के लिए संयुक्त पहलों पर भी चर्चा की गई। सम्मेलन में दोनों देशों के द्विपक्षीय और सीमा-संबंधी हितों की और समीक्षा की गई।
सम्मेलन में सीमा पार अपराधों, नदी प्रबंधन और द्विपक्षीय मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। भारत की ओर से बीएसएफ कर्मियों और भारतीय नागरिकों पर बांग्लादेश स्थित असामाजिक तत्वों के हमलों को रोकने, सीमा पार अपराधों पर नियंत्रण, एकल पंक्ति की बाड़बंदी निर्माण, बांग्लादेश में भारतीय उग्रवादी समूहों (आईआईजी) के खिलाफ कार्रवाई, सीमा बुनियादी ढांचे से जुड़े मुद्दे, समन्वित सीमा प्रबंधन योजना (सीबीएमपी) के प्रभावी कार्यान्वयन पर संयुक्त प्रयास और अन्य मुद्दे उठाए गए। बीएसएफ के अनुसार इस साल 31 जुलाई तक 35 बीएसएफ कर्मी सीमा पर हमलों में घायल हो चुके हैं, जो 2023 और 2024 में क्रमशः 74 और 72 की तुलना में कम है, लेकिन समस्या अभी भी बरकरार है।
बांग्लादेश की ओर से सीमा के पास हत्याओं को रोकना, घुसपैठियों को भेजे जाने (पुश-इन), अवैध घुसपैठ, भारत से नशीले पदार्थों, हथियारों, गोला-बारूद और अन्य तस्करी का दमन, सीमा के 150 गज के दायरे में विकास गतिविधियों का कार्यान्वयन और अनधिकृत निर्माण रोकना, सीमा नदियों के तटों का संरक्षण और नदियों के जल का निष्पक्ष बंटवारा, एकीकृत सीमा प्रबंधन योजना के संयुक्त कार्यान्वयन समेत कई द्विपक्षीय और सीमा हितों से जुड़े मुद्दे उठाए गए।
#BSF, #BGB, #IndiaBangladesh, #BorderSecurity, #IllegalImmigration, #CrossBorderCrime, #DhakaMeeting, #IndiaNews, #BangladeshNews