पहलगाम आतंकी हमले की सभी देशों ने की निंदा

भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत

पहलगाम आतंकी हमले की सभी देशों ने की निंदा

एससीओ के साझा घोषणा-पत्र में पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र

आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार नहीं होगा

पाकिस्तानी पीएम के सामने ही जारी हुआ निंदा प्रस्ताव

तियानजिन (चीन), 01 सितंबर (एजेंसियां)। चीन के तियानजिन में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत हुई है। सभी देशों ने एक सुर से पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने संबोधन में पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र किया था। एससीओ देशों ने प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन किया और आतंकवाद पर एक साझा बयान जारी किया गया। यह महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदगी में चीन की धरती पर यह समवेत निंदा का प्रस्ताव जारी हुआ है। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों ने तियानजिन घोषणा-पत्र में पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और दोषियों को सजा देने की मांग की। उन्होंने आतंकवादअलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने की प्रतिबद्धता जताई और दोहरे मापदंडों को खारिज किया। साझा घोषणा पत्र में कहा गया कि सभी देश 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कठोर शब्दों में निंदा करते हैं। मृतकों के परिवारों के प्रति हमारी संवेदना है। ऐसे हमलों के अपराधियोंआयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।

इससे पहले पीएम मोदी ने एससीओ बैठक में बिना नाम लिए पाकिस्तान को घेरा और आतंकवाद पर काफी खरी-खरी सुनाई। पीएम मोदी ने कहा था कि इस वर्ष भारत ने ज्वाइंट इन्फॉर्मेशन ऑपरेशंस को लीड करते हुए आतंकी संगठनों से लड़ने की पहल की है। टेरर फाइनेंसिंग के खिलाफ आवाज उठाई है। इसपर मेरे समर्थन के लिए सभी देशों का मैं आभार व्यक्त करता हूं। भारत पिछले चार दशक से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। कितने ही बच्चे खोए और कितने ही बच्चे अनाथ हो गए। अभी हाल ही में पहलगाम में आतंकवाद का बहुत ही घिनौना रूप देखा है। इस दुख की घड़ी में जो मित्र देश हमारे साथ खड़े रहेमैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। पीएम मोदी ने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि पहलगाम हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति के समक्ष खुली चुनौती था। ऐसे में प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है? हमें स्पष्ट रूप से और एक स्वर में कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं होगा।

तियानजिन घोषणा में एससीओ सदस्य देशों ने आतंकवादअलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ अपनी मजबूत प्रतिबद्धता को दोहराया और इस बात पर जोर दिया कि किसी भी तरह से आतंकवादीअलगाववादी या उग्रवादी समूहों का निजी स्वार्थों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। सदस्य देशों ने आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा की और यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड अस्वीकार्य हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह सीमा पार आतंकवाद सहित सभी रूपों में आतंकवाद से मिलकर लड़ें।

इसमें कहा गया कि यह घोषणा एक पृथ्वीएक परिवारएक भविष्य के संदेश को दोहराती है। सदस्य देशों ने 3 से 5 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली में आयोजित 5वें एससीओ स्टार्टअप मंच के परिणामों का स्वागत कियाजिससे विज्ञानतकनीकी प्रगति और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग और गहरा हुआ है। सदस्य देशों ने 21-22 मई 2025 को नई दिल्ली में हुई 20वीं एससीओ थिंक टैंक मंच की बैठक को भी महत्वपूर्ण बताया। साथ हीउन्होंने विश्व मामलों की भारतीय परिषद (आईसीडब्ल्यूए) के तहत काम करने वाले एससीओ अध्ययन केंद्र की सराहना कीजिसने सांस्कृतिक और मानवीय आदान-प्रदान को मजबूत किया है।

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