धर्मस्थल मामले को एनआईए को सौंपने की जरूरत नहीं: परमेश्वर
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने कहा कि धर्मस्थल मामले की चल रही एसआईटी जाँच में कोई कमी नहीं है| इसलिए, मामले को एनआईए को सौंपने की कोई जरूरत नहीं है| ऐसा लगता है कि भाजपा की मंशा एसआईटी जाँच में बाधा डालने की है| पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कई मौकों पर स्पष्ट किया है कि धर्मस्थल मामले को एनआईए जाँच के लिए सौंपने की कोई जरूरत नहीं है|
उन्होंने भाजपा पर कई तरह से दबाव डालकर मामले का स्वरूप बदलने की कोशिश करने का आरोप लगाया| अगर प्रवर्तन निदेशालय फेमा और अन्य कानूनों के तहत जाँच शुरू करता है और धर्मस्थल के खिलाफ साजिश में एनजीओ के पैसे के इस्तेमाल की जाँच करता है, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है| वे वित्तीय मामलों की जाँच करेंगे| एसआईटी अपनी जिम्मेदारी संभालेगी| जाँच नियम १६४ के तहत न्यायाधीश के समक्ष दिए गए बयान तक सीमित है| धर्मस्थल के खिलाफ भाजपा की साजिश के बारे में उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बयान के बारे में मुझे जानकारी नहीं है|
उनके पास अलग जानकारी हो सकती है| एक जिम्मेदार मंत्री होने के नाते, मैं जाँच के दौरान कोई और बयान नहीं देना चाहता| ऐसा लगता है कि भाजपा जाँच में बाधा डालने की तरह-तरह की कोशिशें कर रही है| मैं सौजन्या मामले पर भाजपा के रुख पर कोई टिप्पणी नहीं करूँगा| उन्होंने कहा कि एसआईटी उस महिला के बयान पर भी गौर करेगी कि उसने सौजन्या के अपहरण को देखा था| एसआईटी प्रमुख प्रणब मोहंती ने उनसे मुलाकात की| लेकिन वह सिर्फ एसआईटी मामले पर चर्चा करने नहीं आएँगे|
आंतरिक सुरक्षा के डीजीपी होने के नाते, सरकार ने उन्हें अलग-अलग जिम्मेदारियाँ दी हैं| उन्होंने कहा कि प्रणब मोहंती इसी पर चर्चा करने आए थे|