12 वर्षाें से वांछित व 50,000 का इनामी अभियुक्त इरफान महाराष्ट्र से गिरफ्तार
लखनऊ 06 सितंबर (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश के विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पुलिस अभिरक्षा से 12 वर्षाें से फरार और मेरठ के एक आपराधिक मामले में 50 हजार का इनामी आरोपी इरफान को महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले से गिरफ्तार कर लिया है।
एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि इरफान पुत्र अययूब निवासी ग्राम हर्रा थाना सरूरपुर, जनपद मेरठ का निवासी है। उसे शुक्रवार को महाराष्ट्र के नांदेड़ के बाजेगांव के हमदिया मस्जिद से गिरफ्तार किया गया है।
एसटीएफ लखनऊ द्वारा वांछित एवं पुरस्कार घाेषित अपराधी की गिरफ्तारी के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया गया था। इसी क्रम में मेरठ एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह की ओर से अभिसूचना संकलन की कार्रवाई की जा रही थी। अभिसूचना संंकलन के दौरान ज्ञात हुआ कि वांछित अभियुक्त नांदेड़ जिले में रहता है।
गिरफ्तार अभियुक्त से की गयी पूछताछ पर निम्न तथ्य प्रकाश में आये हैं। अभियुक्त इरफान का पडोसी जुल्फकार मिठाई की दुकान पर लगाने वाले चांंदी के बर्क बनाने का काम करता था तथा उसकी दुकान पर लडकियां भी काम करने के लिए आती-जाती
थी। वर्ष 2006 में इरफान उसकी दुकान पर आने-जाने वाली लडकियों के साथ छेड़छाड़ करता था। इसका विरोध करने पर जब जुल्फकार ने मना किया तो इरफान ने जुल्फकार पर चाकू से गर्दन व शरीर पर हमला कर घायल कर दिया था, जिसकी
उपचार केे दौरान मृत्यु हाे गयी थी।
जुल्फकार की पुत्री साज उम्र करीब 13-14 वर्ष अपने पिता काे देखने आयी ताे इरफान से चाकू से उसकी गर्दन काट कर हत्या कर दी। इस सम्बन्ध मेें थाना सरूरपुर जनपद में मेेरठ पर अ0सं0 144/06 धारा 452/302/307 भादवि पंजीकृत कराया गया था। वर्ष 2006 में उक्त दाेेहरे हत्याकाण्ड के मामले में वांछित अभियुक्त इरफान काे स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेेज दिया।
वर्ष 2013 में गिर0 अभियुक्त इरफान के जिला कारागार में निरूद्ध के समय जिला कारागार मे गैंगवार होे गया जिसमें इरफान घायल हाे गया, जिसे बेहाेशी की हालत में मेरठ मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। मेडिकल कालेज मेरठ में भर्ती के उपरान्त 25 अप्रैल 2013 को फरार हाे गया। परतापुर से ट्रक में लिप्ट लेकर दिल्ली पहुॅच गया और दिल्ली से ट्रेन पकडकर कर्नाटक पहॅुुच गया।
कर्नाटक में 4-5 दिन रहा लेकिन वहा काेेई काम न मिलने से वह बिहार के समस्तीपुर चला गया जहां अपनेे दादा हकीम हाजी डा0 महमूद मूदा के पास रहकर उनके साथ देशी दवाई बेचने का काम करने लगा तथा कुछ समय बाद अपना दवाखाना खाेेल लिया। वह लगभग 9 वर्षो तक वही रहकर देशी दवा बनाकर बेचता रहा।
उसके बाद इरफान अपनी पत्नी व बच्चों काे लेकर नांदेड़ पहुंच गया जहां ग्राम बाजेेगांंव पहॅुुचा और वहां पर किराये की दुकान लेकर दवाखाना चला रहा था। गिरफ्तार अभियुक्त इरफान काे नांदेड़ से मेरठ जिला में लाया जा रहा है जिसे संबंधित न्यायालय में पेश किया जाएगा।
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