ताजमहल तक पहुंचा यमुना का पानी

ताजमहल तक पहुंचा यमुना का पानी

आगरा, 05 सितंबर (एजेंसियां)। आगरा में यमुना नदी खतरे के निशान से ढाई फीट ऊपर बह रही है। ताजमहल की दीवार तक पानी पहुंच गया है। पुरातत्व विभाग का कहना है कि ताज की नींव सुरक्षित हैलेकिन संरक्षित स्मारकों में सीलन का खतरा बढ़ गया है।

ताजमहल की यमुना से लगती दीवार पर बाढ़ का पानी छूने के साथ ही इस बात को लेकर फिर चर्चा शुरू हो गई है कि इस पानी से नींव को लाभ होगा या नुकसान। हालांकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का कहना है कि ताजमहल से लगकर हमेशा ही यमुना बहती थी। इसकी नींव को भी जिस लकड़ी से बनाया गया हैवह पानी से खराब नहीं होती। ऐसे में फिलहाल उसकी नींव पर इस बार के पानी का क्या असर हुआइसका पता निरीक्षण के बाद चलेगा। ताजमहल के वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेई ने बताया कि जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। मुख्यालय से आगे जो भी निर्देश आएंगेउसके अनुसार कदम उठाया जाएगा।

ताजमहल की पिछली दीवार तक यमुना की धारा टकराने लगी है। मंटोला नाला बैक मारने से आगरा किला की खाई में तीन फीट पानी भर गया है। एत्माउद्दौला के पीछे बने 12 कमरे 5 फीट पानी में डूबे हैं। ताज व्यू प्वाइंट तक पानी पहुंच सकता है। यमुना के पानी से संरक्षित स्मारकों में सीलन का खतरा बढ़ गया है। बारिश के बीच बैराजों से छोड़े जा रहे पानी से यमुना का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। बृहस्पतिवार को शहर के दो मोक्षधाम डूब गए। पोइया स्थित मोक्षधाम में चिता जलाने की जगह नहीं मिली। लोगों ने पानी में खड़े होकर अपने परिजन का अंतिम संस्कार किया। वहीं ताजगंज मोक्षधाम का दूसरा प्लेटफार्म भी डूब गया। यमुना खतरे के निशान से ढाई फीट ऊपर बह रही है। अगले तीन दिन और उफान पर रहेगी। ताजमहल की दीवार तक पानी पहुंच गया है।

शहर की सीमा में दयालबाग के अमर विहारराजश्री अपार्टमेंट से लेकर सिकंदरपुर रोड तक रास्ते में पानी भरने लगा है। कैलाश मंदिर की सीढ़ियां डूब गई हैं। मेहरा नहारगंज में 40 परिवार विस्थापित हुए हैं। मनोहरपुरखासपुरजगनपुर से लेकर तनौरानूरपुरविसारनामोतीमहलमहल बादशाहीकटरा वजीर खांरामबाग बस्तीटेढ़ी बगिया के निचले इलाकों से लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं।

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वॉटर वर्क्स पर बृहस्पतिवार शाम पांच बजे यमुना जलस्तर 497.5 फीट था। एक दिन पहले यह 497.2 फीट थाजबकि चेतावनी स्तर 495 फीट है। रविवार तक यह 499 फीट तक पहुंच सकता है। पोइया घाट पर मोक्षधाम में दाह संस्कार के लिए लोग परेशान रहे। 1978 में यमुना में बाढ़ आने पर जलस्तर 508 फीट तक पहुंच गया था। एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला और एसडीएम सदर सचिन राजपूत ने पोइया घाट से लेकर यमुना किनारा तक बाढ़ संभावित क्षेत्रों का दौरा किया।

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यमुना की बाढ़ से एत्मादपुरसदरफतेहाबाद और बाह तहसील क्षेत्र में 40 से अधिक गांव प्रभावित हैं। प्रशासन ने फिलहाल 18 गांव चिह्नित किए हैं जिनमें बाढ़ का खतरा अधिक है। यहां लोगों को घर छोड़ना पड़ सकता है। इनमें रहनकलाबुढ़ानानगला कटाशाहिदपुरवीरपुरापारौलीबिचौलागिदरौनभरापुरानगला धीमरनगला पैमानगला तल्फीनाहरगंज समेत 18 गांव शामिल हैं।

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