बेंगलूरु में उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के घर से शुरू हुआ सर्वेक्षण

बेंगलूरु में उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के घर से शुरू हुआ सर्वेक्षण

बेंगलूरु में उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के घर से शुरू हुआ सर्वेक्षण
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| राज्य सरकार का सामाजिक और शैक्षिक सर्वेक्षण नौ दिन की देरी के बाद शनिवार को ग्रेटर बेंगलूरु में शुरू हुआ और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने इसका शुभारंभ किया| शिवकुमार ने सदाशिवनगर स्थित अपने आवास पर आए सर्वेक्षणकर्ताओं को अपने और अपने परिवार के बारे में जानकारी देकर सर्वेक्षण का शुभारंभ किया| यह जानकारी मोबाइल ऐप में भरी गई| इस दौरान सर्वर में समस्या पाई गई| इस पर शिवकुमार ने नगर आयुक्त समेत अधिकारियों को फटकार लगाई| उन्होंने सवाल किया कि अगर मेरे बारे में जानकारी मिलने में इतना समय लग रहा है तो बाकी आम लोगों का क्या हाल होगा| उन्होंने अधिकारियों से इस समस्या को दूर करने और सर्वेक्षण को बिना किसी समस्या के सुचारू रूप से चलाने का आग्रह किया| इस अवसर पर नगर आयुक्त भी उपस्थित थे| जो लोग सामाजिक और शैक्षिक सर्वेक्षण में जानकारी नहीं देना चाहते हैं, उन्हें एक अलग फॉर्म पर हस्ताक्षर करके स्वेच्छा से यह घोषणा करने का अवसर दिया गया है कि वे सर्वेक्षण में भाग नहीं लेना चाहते हैं| इसके लिए एक विशेष फॉर्म तैयार किया गया है| प्रत्येक वार्ड में मस्टरिंग सेंटर शुरू कर दिए गए हैं| सर्वेक्षणकर्ता सुबह ९ बजे इन केंद्रों पर पहुँचे| सभी को पहचान पत्र वितरित किए गए और उपस्थिति दर्ज की गई| वहाँ, मोबाइल फोन में ऐप्स डाउनलोड किए गए और आवश्यक उपकरण दिए गए| फिर राजस्व अधिकारी सर्वेक्षणकर्ताओं को निर्धारित स्थान पर ले गए और सर्वेक्षण शुरू हुआ| प्रभारी अधिकारी वार्ड स्तर पर मौजूद थे और फोन पर आवश्यक निर्देश दे रहे थे| सर्वेक्षण के लिए १२ सर्वेक्षणकर्ताओं पर एक प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया था| वार्ड स्तर पर प्रभारी अधिकारी और विधानसभा क्षेत्र के लिए एक केएसएस अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है| प्रत्येक मतदान केंद्र को वार्ड स्तर पर एक अलग इकाई के रूप में चिह्नित किया गया है| राजस्व अधिकारी और बिल संग्रहकर्ता, जिनके पास स्थानीय स्तर पर प्रत्येक घर की जानकारी है, सर्वेक्षण की निगरानी करेंगे| खाद्य प्रबंधन इकाई के कर्मचारियों की मदद ली जा रही है| जीबीए मुख्यालय द्वारा प्रत्येक निगम को सर्वेक्षणकर्ता नियुक्त किए गए थे| इससे कई भ्रम पैदा हुए हैं| निगम अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सर्वेक्षण के लिए चिकित्सा कर्मचारियों की मदद नहीं ली जा रही है| जनगणना के दौरान, परिवार के मुखिया से ४० प्रश्न और शेष सदस्यों से २०-२० प्रश्न पूछे जाते हैं| बताया जाता है कि प्रत्येक घर की गणना में २० से ३० मिनट का समय लगता है| 

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