भ्रूण लिंग परीक्षण करते फर्जी डॉक्टर को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रंगे हाथ पकड़ा
मुरैना, 17 अक्टूबर 2025: मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक फर्जी डॉक्टर को अवैध रूप से भ्रूण लिंग परीक्षण करते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। यह कार्रवाई जौरा रोड स्थित एक मकान में की गई, जहां आरोपी संजीव शर्मा पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन से गर्भवती महिला की जांच कर रहा था।
मुरैना के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पद्मेश उपाध्याय ने बताया कि ग्वालियर की प्री-नैटल डायग्नोसिस टेस्टिंग (पीएनडीटी) समिति को सूचना मिली थी कि जौरा रोड पर एक व्यक्ति अवैध तरीके से भ्रूण लिंग परीक्षण कर रहा है। सूचना मिलने के बाद ग्वालियर और मुरैना की संयुक्त स्वास्थ्य टीम ने योजनाबद्ध कार्रवाई की।
टीम ने पहले आरोपी के पास एक महिला को जाँच कराने के बहाने भेजा। जैसे ही संजीव शर्मा ने अल्ट्रासाउंड मशीन से जांच शुरू की, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे मौके पर ही पकड़ लिया। डॉ. उपाध्याय ने बताया कि आरोपी को तुरंत कार्रवाई के लिए सिविल लाइंस थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि यह कार्रवाई भ्रूण लिंग निर्धारण और सेक्स चयन के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है। मध्यप्रदेश में इस तरह की अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए नियमित निरीक्षण और छापेमारी की जाती रहती हैं। अधिकारियों ने महिलाओं और गर्भवती माताओं से अपील की है कि वे केवल प्रमाणित और योग्य चिकित्सकों से ही जांच कराएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी स्वास्थ्य अधिकारियों या पुलिस को दें।
इस मामले में यह स्पष्ट किया गया कि भ्रूण लिंग परीक्षण भारत में अवैध है और इसके लिए सख्त कानून मौजूद है। इस कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है, जिसमें जेल और जुर्माना दोनों शामिल हैं। मुरैना जिले में यह कार्रवाई अन्य जिलों के लिए भी चेतावनी के रूप में देखी जा रही है, ताकि अवैध भ्रूण लिंग परीक्षण करने वाले किसी को भी खुला मौका न मिले।
स्वास्थ्य विभाग ने आगे कहा कि ऐसे मामलों में समय पर सूचना देना और विभागीय टीम को सहयोग करना महत्वपूर्ण है। इससे न केवल कानून का पालन सुनिश्चित होता है बल्कि समाज में लिंग समानता और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा भी होती है। इस घटना के बाद मुरैना और ग्वालियर के आसपास के इलाकों में अवैध लिंग परीक्षण पर निगरानी और बढ़ा दी गई है।
इस कार्रवाई से यह संदेश गया है कि स्वास्थ्य विभाग और कानून की संयुक्त टीम अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए सतर्क हैं। महिलाओं और समाज के प्रत्येक वर्ग को ऐसे अपराधों के प्रति जागरूक रहना आवश्यक है।
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