हैदराबाद का राजनीतिक भूचाल: क्या बीआरएस नेता हरीश राव की बातों में कितनी सच्चाई है?
हैदराबाद, 17 अक्टूबर (एजेंसियां) – तेलंगाना की पंचायत राज, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री दानसारी अनसूया सीतक्का ने शुक्रवार को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेता हरीश राव द्वारा लगाए गए आरोपों को जोरदार तरीके से खारिज किया। मंत्री ने राज्य मंत्रिमंडल में किसी भी तरह के झगड़े या असहमति से इनकार करते हुए कहा कि मंत्रिमंडल की बैठकें केवल एजेंडा और जनकल्याण के मुद्दों तक ही सीमित रहती हैं।
अपने निवास पर मीडिया से बातचीत में मंत्री सीतक्का ने कहा कि हरीश राव ने अपने बयान देकर खुद को नीचा दिखाया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या श्री राव अपने दावों को प्रमाणित कर सकते हैं। मंत्री ने इब्राहिमपटनम और सिद्दीपेट में बीआरएस के शासनकाल में हुई घटनाओं का हवाला देते हुए राज्य में बंदूक संस्कृति बढ़ाने का आरोप बीआरएस पर लगाया। उनका कहना था कि हरीश राव वर्तमान सरकार की छवि को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं और झूठ एवं भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।
अनसूया सीतक्का ने रेवंत रेड्डी सरकार की तुलना पूर्ववर्ती बीआरएस सरकार से करते हुए बताया कि वर्तमान सरकार में मंत्रियों को कल्याणकारी योजनाओं और विकास कार्यक्रमों पर खुलकर चर्चा करने की पूरी स्वतंत्रता है। वहीं, पिछली बीआरएस सरकार में मंत्रियों के पास स्वायत्तता नहीं थी और कैबिनेट बैठकें सिर्फ औपचारिकता भर थीं।
मंत्री ने हरीश राव से सवाल किया कि क्या उन्होंने केसीआर की बेटी कविता द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर कभी ध्यान दिया है। इस संदर्भ में उन्होंने कालेश्वरम परियोजना को उदाहरण के तौर पर पेश किया, जिसे उन्होंने बीआरएस शासनकाल में हुए कुप्रबंधन और ध्वस्त परियोजनाओं का प्रतीक बताया।
अनसूया सीतक्का ने कहा कि हरीश राव के दावे निराधार हैं और जनता जल्द ही उनके पीछे की सच्चाई को समझ लेगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि राजनीतिक बयानबाजी में अक्सर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है, ताकि विपक्ष की आलोचना की जा सके।
विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान तेलंगाना की राजनीति में बढ़ते तनाव को दर्शाता है। बीआरएस और कांग्रेस के बीच सत्ता-संघर्ष लंबे समय से चल रहा है और इस बार मंत्री का बयान इस संघर्ष को और तेज कर सकता है। सवाल यह उठता है कि क्या बीआरएस नेता हरीश राव वास्तव में तथ्यों के आधार पर आरोप लगा रहे हैं, या यह केवल राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि जनता अब सूक्ष्म नजर रख रही है और ऐसे आरोपों की सत्यता को भलीभांति जांचेगी। वहीं, सीतक्का का स्पष्ट संदेश है कि रेवंत रेड्डी सरकार में पारदर्शिता और स्वतंत्र विचारधारा की कोई कमी नहीं है।
इस बीच, हरीश राव की ओर से अब तक कोई जवाब सामने नहीं आया है। क्या बीआरएस इस बयान का कोई ठोस प्रतिकार करेगी या यह राजनीतिक बयानबाजी ही बनी रहेगी? तेलंगाना की राजनीति में सस्पेंस अभी बरकरार है, और जनता के लिए सवाल यह है कि कौन सच बोल रहा है और कौन केवल आरोपों के सहारे राजनीति कर रहा है।
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