अत्याचार के शिकार लोगों के लिए मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करने का निर्देश
रायचूर/शुभ लाभ ब्यूरो| जिला उपायुक्त नितीश के. ने अधिकारियों को अत्याचार के शिकार लोगों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए कार्रवाई करने को कहा है, क्योंकि ज्यादातर पीड़ितों को तो यह भी नहीं पता कि कर्नाटक सरकार के नियमों के अनुसार वे मुआवजे के हकदार हैं|
रायचूर में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अत्याचार नियंत्रण के लिए जिला स्तरीय जागरूकता और निगरानी समिति की अध्यक्षता करते हुए, उपायुक्त ने कहा कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पीड़ितों के परिवार अत्याचार साबित होने पर मुआवजे और सरकारी नौकरी के हकदार हैं| उन्होंने कहा अधिकारियों को ऐसे परिवारों से संपर्क करना चाहिए और जरूरी कानूनी औपचारिकताएँ पूरी करने के लिए जरूरी दस्तावेज इकट्ठा करने चाहिए, और अगर संबंधित पुलिस द्वारा आगे की कार्रवाई के लिए आरोप पत्र जमा करने में कोई देरी हो रही है, तो समिति के सदस्यों का ध्यान भी आकर्षित करना चाहिए| नितीश ने अधिकारियों को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अत्याचारों पर क्षेत्रीय आयुक्त को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के लिए एक महीने का समय दिया| उपायुक्त ने अधिकारियों को रायचूर शहर के बाहरी इलाके में एक चिन्हित आवासीय क्षेत्र में घर बनाने के लिए ३ लाख के नकद लाभ के बारे में जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया|
जब सदस्यों ने यह मुद्दा उठाया, तो उन्होंने अधिकारियों को विशेष रूप से कब्रिस्तानों को अतिक्रमण से बचाने के लिए उनके चारों ओर एक दीवार बनाने का निर्देश दिया|
उपायुक्त ने सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी| पुलिस अधीक्षक जी. पुट्टमदैया, निगम आयुक्त जुबिन महापात्र, आईएएस (परिवीक्षाधीन) अधिकारी पुरुराज सिंह, रवींद्र जलदार, के.ई. कुमार, हेमराज अस्कीहाल, रविकुमार अस्कीहाल, रघुवीर नाइक, पवन किशोर पाटिल, बसवराज, टी. सुधामा और अन्य उपस्थित थे|
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