हिंदू फायरब्रांड यतनाल को भाजपा में वापस लाने का दबाव बढ़ रहा

हिंदू फायरब्रांड यतनाल को भाजपा में वापस लाने का दबाव बढ़ रहा

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| बीजापुर के हिंदूवादी नेता बसनगौड़ा पाटिल यतनाल, जिन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में छह साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया था, को भाजपा में वापस लाने का दबाव बढ़ रहा है| भाजपा के भीतर एक समूह लगातार केंद्रीय आलाकमान पर दबाव बना रहा है, यह तर्क देते हुए कि यतनाल को पार्टी में लाने से अगले २०२८ के विधानसभा चुनावों के लिए हिंदू वोट एकजुट होंगे| इससे पार्टी को ज्यादा सीटें जीतने में मदद मिलेगी|

२५ मार्च को, बसनगौड़ा पाटिल यतनाल को केंद्रीय भाजपा अनुशासन समिति ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आधार पर छह साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया था| यह नोटिस इसलिए जारी किया गया क्योंकि वे पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा और प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र की अत्यधिक आलोचना करके पार्टी के लिए शर्मिंदगी पैदा कर रहे थे| इसके बाद, जैसे-जैसे उनकी आलोचना जारी रही, पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया| एक ओर, सरकार की विफलताओं को तार्किक निष्कर्ष तक पहुँचाना संभव नहीं है| दूसरी ओर, संगठन का अपेक्षित स्तर पर विकास न होने का असंतोष निष्ठावान कार्यकर्ताओं को सता रहा है| हालांकि वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र के बारे में ऐसी कलह सुनने को नहीं मिलती, लेकिन अधिकांश लोगों की शिकायत है कि उनमें हिंदू वोटों को आकर्षित करने की क्षमता नहीं है, जो भाजपा की मुख्य ताकत है| पार्टी से निकाले जाने के बाद, अधिकांश लोगों को लगा कि यतनाल का राजनीतिक करियर खत्म हो गया है|

लेकिन इसके विपरीत, राज्य भर में अपने प्रशंसकों द्वारा हिंदू टाइगर के रूप में जाने जाने वाले यतनाल की बढ़ती लोकप्रियता ने भाजपा को जगाए रखा है| मांड्या जिले के मद्दुर में गणपति विसर्जन जुलूस पर दूसरे समुदाय के लोगों के एक समूह द्वारा पथराव किए जाने पर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया| इस अवसर पर, जब यतनाल घटनास्थल पर पहुँचे, तो उनका भव्य स्वागत और जयकारे लगे, जिससे मूल भाजपाई भी हाथ मलते रह गए| मद्दुर ही नहीं, बल्कि बेलगावी, दावणगेरे, रायचूर, कोप्पल जैसे राज्य के विभिन्न हिस्सों में भी, जब गणपति विसर्जन जुलूस के दौरान यतनाल मौजूद थे, तो उम्मीद से बढ़कर लोग उमड़ पड़े|

यतनाल के आने की खबर सुनकर, हिंदू कार्यकर्ता स्वतःस्फूर्त रूप से वहाँ पहुँच गए और जयकारे लगाने लगे| जैसे-जैसे उनकी लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, कार्यकर्ताओं की शिकायत है कि राज्य में भाजपा का प्रभाव कम होता जा रहा है| इस बीच, भाजपा के भीतर एक गुट यतनाल को पार्टी में वापस लाने की कोशिशें जारी रखे हुए है| येदियुरप्पा विरोधी और विजेंद्र विरोधी गुटों ने केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर उन्हें नफा-नुकसान के बारे में समझाया है| यतनाल की पार्टी में वापसी को लेकर कोई विवाद नहीं है| लेकिन चर्चा है कि उन पर बीएसवाई परिवार की खुलेआम आलोचना बंद करने की शर्त रखी गई है| लेकिन जिद्दी यतनाल इस शर्त को स्वीकार करेंगे और पार्टी में वापस लौटेंगे या नहीं, यह लाख टके का सवाल है|

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