सरगना छांगुर के खिलाफ एटीएस ने दाखिल की चार्जशीट
शरिया मुल्क का सपना, करोड़ों की फंडिंग और जबरन धर्मांतरण
बड़ी इमारत में थी आतंकी ट्रेनिंग सेंटर बनाने की योजना
लखनऊ, 07 अक्टूबर (एजेंसियां)। अवैध धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए यूपी एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसकी करीबी नीतू उर्फ नसरीन समेत 6 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। लखनऊ से लेकर मुंबई तक चल रहे इस नेटवर्क में विदेशी फंडिंग, करोड़ों की सम्पत्ति और हिंदू-सिख युवतियों को बहलाकर धर्मांतरण कराने की साजिश का खुलासा हुआ है। आरोपियों में एक सीजेएम कोर्ट का कर्मचारी भी शामिल है।
चार्जशीट के मुताबिक, छांगुर एक संगठित गिरोह चलाता था। वह लखनऊ से मुंबई तक हिंदू और सिख लड़कियों को बहला-फुसलाकर उनका अवैध धर्मांतरण कराता था। धर्म बदलने के लिए लड़कियों को डराया-धमकाया भी जाता था। कई मामलों में उन्हें केस में फंसाने की धमकी दी गई। एटीएस की जांच में सामने आया है कि दुबई की कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपए की फंडिंग की गई। यह पैसा नीतू और उसके पति नवीन रोहरा के खातों में जमा होता था। इस फंड से बलरामपुर और आसपास के क्षेत्रों में करोड़ों की सम्पत्तियां खरीदी गईं। जांच में पता चला कि सम्पत्तियों की खरीद में कोर्ट कर्मचारी राजेश उपाध्याय ने भी मदद की।
एटीएस के अनुसार, छांगुर और उसका गिरोह देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर कर शरिया कानून लागू करना चाहता था। इसके लिए एक बड़ी इमारत में आतंकी ट्रेनिंग सेंटर बनाने की योजना थी। इसका मकसद देश में अस्थिरता फैलाना था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस रैकेट की जांच शुरू की थी। ईडी को दुबई से करोड़ों की फंडिंग के सबूत मिले। अब तक 13 करोड़ रुपए से अधिक की सम्पत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। इनमें लग्जरी गाड़ियां और कीमती जमीनें भी शामिल हैं। एटीएस ने लखनऊ की एनआईए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। अब तक इस मामले में 6 आरोपियों छांगुर, नसरीन, रशीद, सबरोज, शहा
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