सपा लोकतंत्र विरोधी, अब आपातकाल वालों के साथ: ब्रजेश पाठक
सपा शासनकाल दलितों के अपमान व भ्रष्टाचार का प्रतीकः निर्मल
जेपी के नाम पर सपा नेता की मौज-मस्ती का प्रोजेक्ट थाः अरुण
लखनऊ, 11 अक्टूबर (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी और उसके अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सपा हमेशा से लोकतंत्र के विरोध में रही है। आज वही पार्टी कांग्रेस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सत्ता पाने की साजिश कर रही है, यह वही कांग्रेस है जिसने देश पर आपातकाल थोपकर लोकतंत्र को कुचला था। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अखिलेश यादव जिस कांग्रेस के साथ मंच साझा कर रहे हैं, उसी कांग्रेस ने जयप्रकाश नारायण जैसे लोकतंत्र के प्रहरी को जेल में डाला था। एक तरफ आप जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हैं, दूसरी तरफ उन्हीं को जेल भेजने वालों से गठबंधन करते हैं, यह राजनीतिक पाखंड है।
ब्रजेश पाठक ने कहा कि सपा को लोकतंत्र या संविधान से कोई लेना-देना नहीं, उनका मकसद केवल सुर्खियां बटोरना और सत्ता की कुर्सी पर बैठना है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की राजनीति परिवारवाद और स्वार्थवाद पर आधारित है, जबकि भारतीय जनता पार्टी सर्व समाज की पार्टी है, जो बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के बनाए संविधान के अनुरूप काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण की जयंती भाजपा पूरे देश और दुनिया में मना रही है, क्योंकि इमरजेंसी के दौरान सबसे अधिक जनसंघ और आरएसएस के कार्यकर्ता जेलों में बंद किए गए थे। वहीं कई समाजवादी भी जेल भेजे गए थे, लेकिन सपा आज उनका त्याग भुलाकर कांग्रेस के साथ मिलकर सत्ता की सौदेबाजी कर रही है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जनता सब जानती है। सपा अब लोकतंत्र की नहीं, केवल सत्ता की पार्टी बन चुकी है। भाजपा जनता की सेवा और संविधान की रक्षा के लिए काम करती रहेगी।
प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने भी समाजवादी पार्टी पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि जेपी के नाम पर फाइव स्टार प्रोजेक्ट समाजवाद नहीं, अमीरों की मौज-मस्ती थी। खुद को समाजवादी कहने वाले अखिलेश यादव ने जयप्रकाश नारायण के नाम पर जो परियोजना बनाई थी, वह समाजवाद नहीं बल्कि विलासिता और दिखावे का प्रतीक थी। मंत्री ने कहा कि जयप्रकाश नारायण ने हमेशा सादगी और गरीबों के कल्याण का संदेश दिया, जबकि अखिलेश सरकार ने उनके नाम पर फाइव स्टार सुविधाओं वाला प्रोजेक्ट खड़ा करने की योजना बनाई थी।
असीम अरुण ने कहा कि यह बड़े अचरज की बात है जयप्रकाश नारायण जी के नाम पर लखनऊ में एक फाइव स्टार व्यवस्था बनाई जा रही थी। अखिलेश यादव जी द्वारा इस फाइव स्टार व्यवस्था में बिल्डिंग के ऊपर एक हेलीकॉप्टर उतरने की जगह बनाई गई थी। ऊंचे तल पर स्विमिंग पूल बनाया गया था। फाइव स्टार कमरे बनाए गए। इसको समाजवादी उद्देश्य की पूर्ति के लिए कहा जाए तो इससे ज्यादा हंसी की बात और क्या होगी। साथ ही साथ भ्रष्टाचार का इसमें जो आलम रहा वो तो और अनूठा था। एक समिति बनाई गई जिसे पहले 200 करोड रुपए दिए गए और बाद कुल 867 करोड रुपए प्रदान कर दिए गए। फिर भी वह प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया। अब इस पूरे प्रोजेक्ट की जांच चल रही है और सीएजी ने भी इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। योगी सरकार इस प्रोजेक्ट को वापस ला रही है, लेकिन ध्यान रखा जा रहा है कि यह अमीर लोगों की मौज मस्ती का क्लब ना बने, बल्कि जयप्रकाश नारायण जी की स्मृति के लिए और उन्हें नमन करने के लिए इसका उपयोग किया जाए। जयप्रकाश नारायण जी की जो सीख है, उन्होंने गरीब कल्याण के लिए जो कहा था हमें उसके लिए काम करना है, इसलिए इसे एलडीए को हैंडओवर किया गया है ताकि व्यवस्थित तरीके से इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके।
असीम अरुण ने अखिलेश और कांग्रेस के बीच गलबहियों पर भी करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जिस कांग्रेस के खिलाफ अत्याचार और भ्रष्टाचार के खिलाफ जयप्रकाश नारायण जी ने पूरा अपना जीवन समर्पित किया, देश को राह दिखाई, आज अखिलेश यादव उसी कांग्रेस के साथ और उसके नेता राहुल गांधी के साथ गलबहिया करते हैं। समाजवादी का उनका यह नाटक अब लोग समझ चुके हैं। समाजवाद में ऐसा कौन सा काम है, जिसके लिए फाइव स्टार स्विमिंग पूल, हेलीपैड बिल्डिंग के ऊपर चाहिए हो। अगर समाजवादी कुछ काम करना है तो भारतीय जनता पार्टी से सीखना चाहिए। 80 करोड लोगों की थाली में भोजन देना हो, लोगों को आवास देना हो या गांव का भला करना हो, यह असली समाजवाद है जो भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री मोदी जी के सबका साथ सबका विकास के मंत्र के साथ कर रही है। केवल अपने अमीर दोस्तों को फायदा पहुंचाना समाजवाद नहीं है।
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष और एमएलसी डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा, अखिलेश यादव ने अपने शासनकाल में दलितों का अपमान किया, जेपी के नाम पर भी भ्रष्टाचार किया और परिवारवाद का गंदा बीज बोया। उन्होंने कहा कि जिस समय पूरे देश में मान्यवर कांशीराम जी के नाम से बने संस्थानों को सम्मान दिया जा रहा था, उसी समय अखिलेश यादव ने उनके नाम को मिटाने का काम किया। डॉ. निर्मल ने कहा कि लखनऊ का उर्दू-अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, जो मान्यवर कांशीराम जी के नाम से था, उससे नाम हटाया गया। यही नहीं, कांशीराम जी के नाम से चलने वाली सभी सरकारी योजनाओं के नाम भी बदल दिए गए। यह कृत्य दलितों के सम्मान पर गहरी चोट थी। उन्होंने कहा कि बहन मायावती जी की रैली ने समाजवादी पार्टी के असली चरित्र का पर्दाफाश कर दिया है जो दलित विरोधी और महापुरुषों के प्रति अपमानजनक रवैया रखने वाली पार्टी है।
सपा सरकार के दौरान भ्रष्टाचार के प्रतीक बने जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस परियोजना की शुरुआत 200 करोड़ की लागत से हुई थी, लेकिन 2017 तक इसकी लागत बढ़कर 867 करोड़ हो गई और फिर भी परियोजना अधूरी रही। ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से यह केंद्र कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया। उन्होंने बताया कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने आते ही जेपीएनआईसी समिति को भंग कर यह परियोजना एलडीए के सुपुर्द की, ताकि इसे पारदर्शी तरीके से पूरा किया जा सके। सरकार ने 882.74 करोड़ की धनराशि ऋण के रूप में स्थानांतरित कर दी है, जिसे 30 वर्षों में लौटाया जाएगा। अब इस परियोजना के अंतर्गत आधुनिक ऑडिटोरियम, कन्वेंशन सेंटर, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, मल्टीपरपज कोर्ट और मल्टीलेवल पार्किंग (750 वाहनों की क्षमता) का निर्माण कराया जा रहा है। इसे अब इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान की तर्ज पर लर्निंग सेंटर के रूप में जनता के लिए खोला जाएगा, न कि अखिलेश यादव के शासनकाल में लूट के केंद्र के रूप में।
डॉ. निर्मल ने कहा कि अखिलेश यादव जिस कांग्रेस के साथ आज गलबहियां कर रहे हैं, उसी कांग्रेस ने देश में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का अपमान किया था। यह वही कांग्रेस है जिसने बाबा साहब को भारत रत्न देने में देरी की, उनके नाम पर कोई प्रतिमा नहीं लगवाई और प्रमोशन में आरक्षण के बिल को संसद में फाड़ दिया। उन्होंने कहा कि अब अखिलेश यादव संविधान की किताब लेकर घूम रहे हैं ताकि अपने पापों को छुपा सकें, लेकिन जनता सब जान चुकी है। उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी ने न सिर्फ दलितों के आरक्षण का विरोध किया, बल्कि लाखों दलित कर्मचारियों का रिवर्जन कर दिया, उनकी जमीनों पर अवैध कब्जे कराए और उत्पीड़न किया। 2012 से 2017 के बीच डॉ. अंबेडकर स्मारक में रातभर अंधेरा रहता था, लाइटें बंद थीं, पत्थर टूटे पड़े थे, पीतल की पट्टिकाएं उखाड़ी गई थीं। सपा ने स्मारकों को नष्ट करने का काम किया। इसके विपरीत, योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ी ईमानदारी से बाबा साहब अंबेडकर की धरोहरों का संरक्षण और सौंदर्यीकरण किया। उन्होंने कहा कि डॉ. बाबा साहब अंबेडकर हमारी आस्था के केंद्र हैं। भारतीय जनता पार्टी ने न केवल उनके विचारों को सहेजा, बल्कि उनके सभी पांच तीर्थ स्थलों का विकास किया, दलितों को आर्थिक सशक्तिकरण दिया, संसद और विधान परिषद में प्रतिनिधित्व बढ़ाया। यही सच्चा सामाजिक न्याय है।
डॉ. निर्मल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी देश की एकमात्र ऐसी पार्टी है जहां परिवारवाद की कोई जगह नहीं, अध्यक्ष और नेताओं का चयन लोकतांत्रिक प्रक्रिया से होता है। जबकि कांग्रेस, सपा और बसपा जैसी पार्टियां परिवारवाद को बढ़ावा देती हैं। उन्होंने कहा कि जो कहते हैं कि बसपा को योगी आदित्यनाथ की जरूरत है, उन्हें यह समझना चाहिए कि योगी जी ने जिस ईमानदारी और पारदर्शिता से बाबा साहब के स्मारकों को सम्मान दिया है वह किसी अन्य सरकार ने कभी नहीं किया। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश का दलित समाज जाग चुका है। उत्तर प्रदेश की जनता जान चुकी है कि कौन दलितों के अधिकारों की रक्षा करता है और कौन उन्हें भ्रमित करता है। 2027 के चुनाव में समाजवादी पार्टी का वही हश्र होगा जो कांग्रेस का हुआ, जनता उसे पूरी तरह खारिज कर देगी।
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