राहुल गांधी की नागरिकता पर फैसला टला:गृह मंत्रालय ने लखनऊ हाईकोर्ट से 8 सप्ताह का समय मांगा
गृह मंत्रालय ने हाई कोर्ट में बताया कि उन्होंने यूके सरकार को पत्र लिखा है। भारतीय नागरिकता रद्द करने के अंतिम निर्णय के लिए उन्हें 8 सप्ताह का समय चाहिए। अगली सुनवाई मार्च के पहले सप्ताह में होगी।
चीफ जस्टिस ऑफ उत्तर प्रदेश की बेंच में यूनियन ऑफ इंडिया की ओर से उपस्थित वकील ने कहा- समय दिया जाए। पूरे मामले में क्या जांच हो रही है। इसकी पूरी रिपोर्ट 8 सप्ताह में हम तैयार करके पेश करेंगे। कोर्ट ने समय दे दिया है।
लखनऊ। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई टल गई है। गुरुवार (19 दिसंबर) को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई। इस मामले में कोर्ट ने आठ सप्ताह का समय दिया है।
मार्च के पहले सप्ताह में सुनवाई
गृह मंत्रालय ने हाई कोर्ट में बताया कि उन्होंने यूके सरकार को पत्र लिखा है। भारतीय नागरिकता रद्द करने के अंतिम निर्णय के लिए उन्हें 8 सप्ताह का समय चाहिए। अगली सुनवाई मार्च के पहले सप्ताह में होगी।
चीफ जस्टिस ऑफ उत्तर प्रदेश की बेंच में यूनियन ऑफ इंडिया की ओर से उपस्थित वकील ने कहा- समय दिया जाए। पूरे मामले में क्या जांच हो रही है। इसकी पूरी रिपोर्ट 8 सप्ताह में हम तैयार करके पेश करेंगे। कोर्ट ने समय दे दिया है।
याचिकाकर्ता कर्नाटक निवासी एस. विग्नेश शिशिर ने याचिका में दावा किया है कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं। उनकी भारतीय नागरिकता रद्द की जानी चाहिए। याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्होंने ब्रिटिश सरकार के कुछ ईमेल और दस्तावेज जुटाए हैं। ये राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता का सबूत हैं। कोर्ट आज इस पर फैसला सुना सकता है।
26 नवंबर को टल गई थी सुनवाई
पिछली सुनवाई 26 नवंबर को इस मामले में सुनवाई नहीं हो सकी थी। लेकिन केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि पूरे मामले की जांच चल रही है। इससे पहले सुनवाई 24 अक्टूबर को हुई थी, जब जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) सूर्यभान पांडेय को केंद्रीय गृह मंत्रालय से जानकारी प्राप्त करने का निर्देश दिया था।
निर्वाचन रद्द करने की मांग
याचिकाकर्ता ने राहुल गांधी के निर्वाचन को रद्द करने और उनके खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की है। इस मामले में केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को रोकने का भी आग्रह किया गया था, लेकिन कोर्ट ने अभी इस पर कोई निर्णय नहीं दिया है।
केंद्र सरकार का जवाब करेगा मामले की दिशा तय
आज की सुनवाई में केंद्रीय गृह मंत्रालय का जवाब इस याचिका की दिशा तय कर सकता है। यदि मंत्रालय ने कोई ठोस जानकारी पेश की, तो याचिका पर निर्णायक फैसला संभव है।
राजनीतिक रूप से अहम मामला
यह मामला न केवल कानूनी, बल्कि राजनीतिक रूप से भी काफी अहम है। आगामी लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी दलों की रणनीतियों और राहुल गांधी की छवि पर इसका प्रभाव पड़ सकता है। हाईकोर्ट के संभावित फैसले पर देश भर में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं।