सैन्य कमांडरों की वार्ता में सकारात्मक सहमति
भारत-चीन विवाद सुलझाने की दिशा में बड़ा कदम
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (एजेंसियां)। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच हुई नवीनतम वार्ता में कई मुद्दों पर सकारात्मक सहमति बनी है। यह बातचीत लद्दाख क्षेत्र के चुशूल-मोल्दो पॉइंट पर हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल एम.वी. सुब्रमण्यम ने किया, जबकि चीनी प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई मेजर जनरल यांग लिन ने की। वार्ता का मुख्य उद्देश्य सीमा पर तनाव कम करना और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास सैनिकों की तैनाती को तार्किक बनाना था।
सूत्रों के अनुसार, बातचीत का माहौल पहले की तुलना में काफी सौहार्दपूर्ण रहा। दोनों पक्षों ने सहमति जताई कि किसी भी तरह की गलतफहमी को संवाद के जरिए सुलझाया जाएगा और सीमा क्षेत्रों में स्थिति सामान्य बनाने के लिए चरणबद्ध प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
भारत ने चीन से आग्रह किया कि अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बहाल की जाए, जबकि चीन ने भरोसा दिया कि वह शांति बनाए रखने के लिए सकारात्मक कदम उठाएगा। इस वार्ता के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि पैंगोंग झील और डेपसांग क्षेत्र में सैनिकों की वापसी पर भी प्रगति हो सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह वार्ता दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास बहाली की दिशा में बड़ा कदम है। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सीमाओं पर शांति द्विपक्षीय संबंधों की पूर्वशर्त है।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता के साथ-साथ कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से भी वार्ता जारी रहेगी।
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