किसान पहचान पत्र से मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ
प्रदेश में अब तक 57 प्रतिशत लक्ष्य पूरा — प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र
लखनऊ, 29 अक्टूबर (संवाददाता): उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को कृषि संबंधी सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ देने के उद्देश्य से तेजी से किसान पहचान पत्र जारी कर रही है। भारत सरकार की एग्रीस्टैक योजना के तहत जारी इस अभियान का मकसद किसानों को एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ना है ताकि वे एक ही पहचान पत्र के माध्यम से सभी कृषि योजनाओं और सुविधाओं का लाभ सरलता से प्राप्त कर सकें। प्रमुख सचिव कृषि श्री रविंद्र ने बताया कि प्रदेश में इस योजना के अंतर्गत अब तक 57 प्रतिशत कार्य पूरा किया जा चुका है।
उन्होंने जानकारी दी कि राज्य में कुल 2,64,21,350 किसान पहचान पत्र बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से अब तक 1,50,69,897 पहचान पत्र बनाए जा चुके हैं। इस प्रकार अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है और आगामी सप्ताहों में शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रमुख सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार इस योजना को किसानों के हित में सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
श्री रविंद्र ने बताया कि मुख्य सचिव के निर्देशन में 16 अक्टूबर, 2025 से कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त रूप से एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर कैम्प लगाकर किसान पहचान पत्र बनाए जा रहे हैं ताकि कोई भी किसान इस सुविधा से वंचित न रहे। उन्होंने बताया कि यह पहचान पत्र प्रत्येक किसान के लिए एक डिजिटल आईडी की तरह काम करेगा, जिसके माध्यम से किसानों को सरकारी योजनाओं, अनुदानों, बीमा योजनाओं और सब्सिडियों का लाभ सीधे प्राप्त होगा।
उन्होंने बताया कि किसान पहचान पत्र से राज्य सरकार को किसानों का सटीक डेटा भी उपलब्ध होगा, जिससे योजनाओं के क्रियान्वयन और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि एग्रीस्टैक योजना के अंतर्गत तैयार हो रहा यह डिजिटल ढांचा भविष्य में “स्मार्ट एग्रीकल्चर सिस्टम” की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। इसके माध्यम से किसानों को न केवल योजनाओं की जानकारी प्राप्त होगी, बल्कि उनकी फसल, भूमि, बीज, और ऋण से जुड़ी जानकारियाँ भी एकीकृत प्लेटफॉर्म पर दर्ज होंगी।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आज हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि किसान पहचान पत्र निर्माण कार्य को शीर्ष प्राथमिकता पर पूरा किया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी किसान का डेटा अधूरा या त्रुटिपूर्ण न रहे। प्रत्येक जिले में प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में प्रतिदिन प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
प्रमुख सचिव ने कहा कि किसान पहचान पत्र योजना से किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे और पारदर्शी तरीके से मिलेगा। इससे न केवल किसानों की पहचान एक डिजिटल डेटाबेस में सुरक्षित होगी बल्कि बिचौलियों और अनावश्यक प्रक्रियाओं पर भी अंकुश लगेगा। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपने ग्राम स्तर पर आयोजित शिविरों में पहुंचकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ पहचान पत्र बनवाएं और सरकार की इस पहल का लाभ उठाएं।
यह अभियान उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक किसान को उसकी भूमि, फसल और उत्पादन से जुड़ी सभी सरकारी सुविधाएं एक ही पहचान के माध्यम से उपलब्ध कराई जा सकें।

