पूर्ण राज्य नहीं तो क्या खराब प्रदर्शन करेंगे? : एलजी
जम्मू कश्मीर में शुरू हुआ ‘दिल्ली वाला’ घमासान
एलजी पूर्ण राज्य की बहाली का वादा निभाएं: सीएम
श्रीनगर, 01 नवंबर (एजेंसियां)। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में दिल्ली वाला घमासान शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सरकार के खराब प्रदर्शन का सारा ठीकरा उपराज्यपाल के सिर फोड़ रहे हैं। सीएम उमर का कहना है कि जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल नहीं किए जाने की वजह से प्रशासनिक असंतुलन बना हुआ है। जिस तरह दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सारी नाकामियों का ठीकरा दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के सिर फोड़ते थे, वही स्टाइल उमर अब्दुल्ला भी अपना रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का कहना है कि प्रदेश की निर्वाचित सरकार के पास सभी अधिकार हैं और राज्य का दर्जा न होने के बहाने लोगों को गुमराह नहीं किया जाना चाहिए। राज्य का दर्जा नहीं मिलने को खराब प्रदर्शन का बहाना नहीं बनाया जा सकता।
एसकेआईसीसी में जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संसद में कह चुके हैं कि पहले परिसीमन, फिर विधानसभा चुनाव और फिर उचित समय पर राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। पर, कुछ लोगों को कुछ समस्याएं हैं। जब चुनाव हुए तो यह स्पष्ट था कि चुनाव केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा के लिए हो रहे हैं। निर्वाचित सरकार यह बहाना नहीं बना सकती कि राज्य का दर्जा बहाल होने तक काम नहीं किया जा सकता। एलजी ने कहा कि निर्वाचित सरकार के पास सभी अधिकार हैं और राज्य का दर्जा न होने के बहाने लोगों को गुमराह नहीं किया जाना चाहिए। सरकार को अपनी शक्तियों का इस्तेमाल लोगों की भलाई के लिए करना चाहिए।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके पिता नेकां अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने एलजी के बयान पर कड़ा पलटवार किया। उमर ने कहा, एलजी को कम से कम सुप्रीम कोर्ट और संसद में जम्मू कश्मीर के लोगों से किए गए वादे के बारे में तो बात करनी चाहिए। उमर ने कहा, 90 विधायकों में से एक या दो को छोड़कर सभी ने राज्य के दर्जे के नाम पर वोट मांगे। एलजी पर सीधा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, ये लोग राज्य के दर्जे से इतना क्यों डरते हैं? वे सत्ता क्यों नहीं छोड़ना चाहते? पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा, हमारे 26 मेहमान मारे गए और हमें काम करने की सलाह दी गई है। हम काम करना जानते हैं। आप अपना काम करें, हम अपना करेंगे।
सीएम उमर ने कहा, बताइए हमें कब तक इंतजार करना चाहिए? हमें बताया गया है कि इसे उचित समय पर बहाल कर दिया जाएगा। ठीक है, में इंतजार करूंगा, लेकिन मुझे बताइए कि सही समय का आकलन करने का पैमाना क्या है। हम उचित समय का आकलन कैसे करें? बहाली के नियम और शर्तें स्पष्ट होनी चाहिए ताकि हमारी सरकार को पता चले कि हमें इसके लिए क्या करना चाहिए। एक मुख्यमंत्री के रूप में मुझे पता होना चाहिए कि यही वह मील का पत्थर या लक्ष्य है जिसे हमें प्राप्त करना है। सीएम उमर के पिता फारूक अब्दुल्ला ने कहा, एलजी झूठ बोलते हैं। वह कभी सच नहीं बोलते हैं। आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के जरिए उन्होंने पूरा नियंत्रण कर रखा है। एक भी फाइल पास नहीं करते हैं।
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