पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान और जिला पंचायत अध्यक्ष के खर्च की सीमा तय
लखनऊ, 04 नवंबर (एजेंसियां)। यूपी पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों की खर्च सीमा तय हो गई। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके लिए अधिकतम सीमा जारी कर दी है। दूसरी ओर प्रदेश में आज से एसआईआर शुरू हो गया। पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान अधिकतम सवा लाख रुपए खर्च कर सकेंगे। सदस्य ग्राम पंचायतों के लिए अधिकतम सीमा 10 हजार रुपए तय की गई है। क्षेत्र पंचायत सदस्य अधिकतम एक लाख रुपए, जिला पंचायत सदस्य 2.5 लाख रुपए, क्षेत्र पंचायत प्रमुख 3.5 लाख रुपए और जिला पंचायत अध्यक्ष अधिकतम 7 लाख रुपए खर्च कर सकेंगे। इसी तरह से अलग-अलग वर्गों के लिए पर्चा खरीदने और जमानत की राशि भी निर्धारित कर दी गई है।
दूसरी तरफ, उत्तर प्रदेश में मंगलवार से विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रारंभ होगा। इसमें बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) 4 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच कुल 15.44 करोड़ मतदाताओं के पतों पर जाएंगे। बीएलओ, मतदाताओं को भरने के लिए गणना फॉर्म दो प्रतियों में देंगे। वहीं, एक फॉर्म मतदाताओं से साइन करवाकर अपने पास रखेंगे। बीएलओ कम से कम 3 बार मतदाता के घर जाकर गणना प्रपत्र वितरण और इन्हें संग्रह करने का काम करेंगे। गणना प्रपत्र में मतदाता का नाम, एपिक संख्या, भाग संख्या, क्रम संख्या, विधानसभा क्षेत्र का नाम और राज्य की प्रविष्टियां पहले से ही भरी होंगी। फोटो भी पहले से छपा होगा। हालांकि, मतदाता अपने नवीनतम पासपोर्ट साईज फोटो भी गणना प्रपत्र पर चस्पा कर सकते हैं। मतदाता गणना प्रपत्र में विवरणों को भरने में बीएलओ की मदद ले सकते हैं।
मतदाता चुनाव आयोग के पोर्टल से वर्ष 2003 की मतदाता सूची में अपना या अपने संबंधी का नाम देख सकते हैं। इसका विवरण भी गणना प्रपत्र में भर सकते हैं। गणना प्रपत्र वितरण एवं संग्रहण के दौरान मतदाताओं को किसी प्रकार का कोई दस्तावेज नहीं देना है। जो मतदाता गणना प्रपत्र भरकर अपना विवरण बीएलओ के पास जमा करेंगे, उन मतदाताओं का नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा। विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचियों के प्रारूप का प्रकाशन 9 दिसंबर को होगा। इन पर दावे और आपत्तियां प्राप्त करने की अवधि 9 दिसंबर से 8 जनवरी तक रहेगी। नोटिस का चरण 9 दिसंबर से 31 जनवरी तक चलेगा। इसमें नोटिस जारी करने, सुनवाई और सत्यापन, गणना प्रपत्रों पर निर्णय और दावे व आपत्तियों का निस्तारण होगा। मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन 7 फरवरी को होगा। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के निर्णय से क्षुब्ध किसी मतदाता की ओर से दाखिल की गई प्रथम अपील की सुनवाई जिला मजिस्ट्रेट करेंगे और जिला मजिस्ट्रेट के निर्णय के विरुद्ध द्वितीय अपील की सुनवाई प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी करेंगे।

