नई दिल्ली, 5 दिसम्बर,(एजेंसियां)। जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्टेट इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (SIA) ने शुक्रवार तड़के श्रीनगर और गांदरबल जिलों में बड़े पैमाने पर छापेमारी अभियान चलाया। यह कार्रवाई उस ‘व्हाइट कॉलर’ टेरर मॉड्यूल की जांच का हिस्सा है, जिसमें चिकित्सकों, तकनीशियनों और अन्य पेशेवरों की कथित भूमिका सामने आई है। यह मॉड्यूल 10 नवंबर को दिल्ली में हुए विस्फोट से भी जुड़ा माना जा रहा है। जांच एजेंसी का फोकस हथियार सप्लाई चेन, छिपे सहयोगियों और मॉड्यूल के व्यापक नेटवर्क को ट्रैक करने पर है।
सुबह-सुबह कई ठिकानों पर छापेमारी
सूत्रों के अनुसार, SIA की टीमें सुबह करीब 5 बजे श्रीनगर के दियारवानी बटमालू, गांदरबल सहित कई इलाकों में पहुंचीं। सबसे अहम छापेमारी तुफैल नियाज़ भट्ट के घर हुई, जिसे पिछले महीने इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। भट्ट की गिरफ्तारी के बाद बरामद इलेक्ट्रॉनिक डाटा, मोबाइल चैट और कॉल रिकॉर्ड के आधार पर SIA ने छापेमारी का दायरा बढ़ाया है।
डॉक्टर, टेक्नीशियन और पेशेवरों का नेटवर्क
अधिकारियों के अनुसार, ‘व्हाइट कॉलर’ टेरर मॉड्यूल उन पेशेवरों का नेटवर्क है जिन्हें कथित तौर पर उग्रवादी विचारधारा से प्रभावित किया गया। जांच में सामने आया है कि इस मॉड्यूल ने दिल्ली ब्लास्ट, स्थानीय लॉजिस्टिक सपोर्ट और हथियार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जांचकर्ताओं को शक है कि तुफैल भट्ट ने एक AK-47 राइफल की सप्लाई में मदद की थी। यह राइफल बाद में अनंतनाग के GMC मेडिकल कॉलेज के एक लॉकर से बरामद हुई थी, जो आरोपी डॉ. अदील अहमद को अलॉट था। डॉ. अदील पहले से ही NIA की हिरासत में हैं और इस मॉड्यूल के केंद्रीय चेहरों में से एक माने जाते हैं।
हथियार सप्लाई चेन पर फोकस
SIA अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हथियार किस चैन के माध्यम से कश्मीर में घुसे, किन स्थानीय लोगों ने इन्हें छिपाने, ट्रांसपोर्ट करने या तकनीकी सहायता देने में भूमिका निभाई।
जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया—
“हम उन लोगों की पहचान कर रहे हैं जिन्होंने मॉड्यूल को लॉजिस्टिक या टेक्निकल सपोर्ट दिया। कई डिजिटल सबूत मिले हैं जो हथियार सप्लाई लिंक की तरफ इशारा करते हैं।”
लाल किला ब्लास्ट केस से कनेक्शन
सूत्रों के अनुसार छापेमारी लाल किला ब्लास्ट केस की फॉलो-अप कार्रवाई भी है। जांच एजेंसी यह समझने की कोशिश कर रही है कि कश्मीर में सक्रिय नेटवर्क और दिल्ली ब्लास्ट के पीछे काम कर रहे मॉड्यूल के बीच कितना गहरा संबंध है।
आगे और गिरफ्तारियाँ संभव
SIA अधिकारियों का कहना है कि यह केवल शुरुआती चरण है और आने वाले दिनों में और भी छापेमारी व गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं।
इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर कई संदिग्धों की निगरानी पहले से ही बढ़ा दी गई है।

