ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण का बड़ा दावा

पहले ही दिन हार का आरोप, बयान से मचा सियासी तूफान

ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण का बड़ा दावा

पुणे, 16 दिसम्बर,(एजेंसियां)।  महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसने राजनीतिक गलियारों से लेकर रक्षा मामलों पर बहस छेड़ दी है। पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान चव्हाण ने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले ही दिन भारत को पाकिस्तान के सामने करारी हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि 7 तारीख को करीब आधे घंटे तक चली हवाई झड़प में भारतीय पक्ष को नुकसान उठाना पड़ा, चाहे लोग इसे स्वीकार करें या नहीं।

पृथ्वीराज चव्हाण ने आरोप लगाया कि इस दौरान भारतीय वायुसेना के विमान मार गिराए गए और हालात इतने गंभीर हो गए कि वायुसेना को कुछ समय के लिए पूरी तरह से ठप कर दिया गया। उन्होंने कहा कि ग्वालियर, बठिंडा या सिरसा जैसे एयरबेस से अगर कोई भी भारतीय विमान उड़ान भरता, तो उसके पाकिस्तान द्वारा गिराए जाने की प्रबल आशंका थी। इसी कारण वायुसेना ने उड़ानें रोक दीं।

“ज़मीन पर एक किलोमीटर भी हलचल नहीं हुई”

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ज़मीनी स्तर पर सेना की एक किलोमीटर की भी हलचल नहीं हुई। उनके मुताबिक, दो-तीन दिनों में जो कुछ भी हुआ, वह सिर्फ हवाई युद्ध और मिसाइल युद्ध तक सीमित था। चव्हाण ने इसे भविष्य के युद्धों की झलक बताते हुए कहा कि आने वाले समय में युद्ध इसी तरह तकनीक आधारित होंगे, जिनमें पारंपरिक ज़मीनी लड़ाई की भूमिका सीमित हो सकती है।

सेना की संख्या पर उठाया सवाल

अपने बयान को और आगे बढ़ाते हुए पृथ्वीराज चव्हाण ने भारतीय सेना की संरचना पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में युद्ध केवल हवाई और मिसाइल आधारित होंगे, तो क्या वास्तव में 12 लाख सैनिकों वाली विशाल सेना की आवश्यकता है, या फिर इन सैनिकों की क्षमताओं का किसी और तरीके से उपयोग किया जाना चाहिए। उनके इस बयान को लेकर रक्षा विशेषज्ञों और सत्तारूढ़ दल की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं आने की संभावना जताई जा रही है।

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राजनीतिक बयान या रणनीतिक विश्लेषण?

चव्हाण के इस बयान को लेकर भाजपा ने पहले ही कांग्रेस पर सेना का मनोबल गिराने और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। वहीं कांग्रेस समर्थकों का कहना है कि चव्हाण ने एक रणनीतिक और भविष्यपरक विश्लेषण पेश किया है, जिसे राजनीति से ऊपर उठकर देखा जाना चाहिए।

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19 दिसंबर वाली भविष्यवाणी पर सफाई

इसी कार्यक्रम के दौरान पृथ्वीराज चव्हाण ने अपनी उस चर्चित भविष्यवाणी पर भी सफाई दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि 19 दिसंबर को देश में बड़ा राजनीतिक भूचाल आएगा और प्रधानमंत्री बदलेंगे, जो कि एक मराठी नेता होंगे। पुणे के पत्रकार भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि उनके बयान को संदर्भ से हटकर पेश किया गया और यह किसी निश्चित घोषणा के बजाय एक राजनीतिक आकलन था।

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जेफरी एपस्टीन मामले का भी किया ज़िक्र

प्रेस कॉन्फ्रेंस में चव्हाण ने अमेरिका में चर्चित जेफरी एपस्टीन मामले का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि 1995-96 के आसपास अमेरिकी उद्योगपति जेफरी एपस्टीन पहली बार सुर्खियों में आए थे। बाद में उन पर नाबालिग लड़कियों की यौन तस्करी और शोषण जैसे गंभीर आरोप लगे।
चव्हाण के अनुसार, एपस्टीन पर आरोप था कि उसने हनी-ट्रैप के जरिए कई प्रभावशाली राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों को फंसाया और उनकी रिकॉर्डिंग की। पीड़ितों की शिकायतों के बाद जांच हुई और अंततः उसे दोषी ठहराया गया। बाद में जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में उसकी मौत हो गई, जिसे आधिकारिक तौर पर आत्महत्या बताया गया, लेकिन इसने अमेरिका में बड़े पैमाने पर विवाद को जन्म दिया।

बयान से बढ़ी सियासी हलचल

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पृथ्वीराज चव्हाण के दावे ने एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा, सेना की भूमिका और राजनीतिक जिम्मेदारी जैसे मुद्दों को चर्चा के केंद्र में ला दिया है। आने वाले दिनों में इस बयान पर संसद से लेकर टीवी डिबेट तक सियासी घमासान तेज होने की पूरी संभावना है।