हैदराबाद में सियासी संग्राम तेज, विधानसभा घेराव की तैयारी में विपक्ष
सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप
हैदराबाद, 16 दिसम्बर,(एजेंसियां)। हैदराबाद में एक बार फिर सियासी पारा चढ़ता नजर आ रहा है। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर चुनावी वादों से मुकरने का आरोप लगाते हुए विधानसभा घेराव की घोषणा की है। कांग्रेस, बीजेपी और बीआरएस—तीनों ही दल अलग-अलग मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहे हैं, जिससे राजधानी हैदराबाद राजनीतिक हलचल का केंद्र बन गई है।
विपक्ष का आरोप है कि सत्ता में आने से पहले जिन गारंटियों और योजनाओं का वादा किया गया था, वे अब कागजों तक सीमित रह गई हैं। खास तौर पर बेरोजगारी भत्ता, महिलाओं से जुड़ी योजनाएं और किसानों के लिए घोषित राहत पैकेज को लेकर सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। विपक्षी नेताओं का कहना है कि महंगाई लगातार बढ़ रही है, लेकिन सरकार जनता को राहत देने में विफल साबित हो रही है।
बीआरएस नेताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार जानबूझकर पिछली सरकार की योजनाओं को कमजोर कर रही है, जिससे आम जनता प्रभावित हो रही है। वहीं बीजेपी ने कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाते हुए कहा कि हैदराबाद जैसे महानगर में भी लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
सरकार की ओर से इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया गया है। सत्तारूढ़ दल के नेताओं का कहना है कि विपक्ष जनता का ध्यान भटकाने के लिए अनावश्यक आंदोलन कर रहा है। सरकार ने दावा किया कि योजनाएं चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही हैं और जल्द ही इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले स्थानीय निकाय और विधानसभा उपचुनावों को देखते हुए हैदराबाद में यह सियासी टकराव और तेज हो सकता है। राजधानी में बढ़ती राजनीतिक सक्रियता यह संकेत दे रही है कि तेलंगाना की राजनीति आने वाले महीनों में और ज्यादा आक्रामक होने वाली है।

