कर्नाटक में नेतृत्व को लेकर हलचल, कांग्रेस के भीतर खींचतान तेज
भाजपा ने सरकार को बताया अस्थिर
बेंगलुरु, 15 दिसम्बर (एजेंसियां)। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में सत्ता की राजनीति एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है। कांग्रेस सरकार के भीतर नेतृत्व को लेकर जारी अटकलों ने सियासी माहौल गर्म कर दिया है। उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी के अंदरखाने में खींचतान की चर्चाएं तेज़ हो गई हैं, जिसे लेकर विपक्षी भाजपा को सरकार पर हमला बोलने का बड़ा मौका मिल गया है।
भाजपा नेताओं का आरोप है कि कांग्रेस सरकार अंदरूनी कलह में उलझी हुई है और शासन पूरी तरह दिशाहीन हो गया है। भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच संतुलन बनाने में पार्टी हाईकमान विफल साबित हो रहा है, जिसका खामियाजा राज्य की जनता को भुगतना पड़ रहा है। बेंगलुरु में बुनियादी सुविधाओं, ट्रैफिक और कानून-व्यवस्था को लेकर भाजपा ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
कांग्रेस के भीतर हालांकि आधिकारिक तौर पर नेतृत्व परिवर्तन की बात से इनकार किया जा रहा है, लेकिन पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के हालिया बयान अटकलों को हवा दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी हाईकमान स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है और कोई भी फैसला राजनीतिक संतुलन को ध्यान में रखकर लिया जाएगा।
इस बीच जनता दल (सेक्युलर) ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार सिर्फ सत्ता संतुलन में व्यस्त है, जबकि जनता के मुद्दे हाशिये पर चले गए हैं। जेडी(एस) ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में विपक्ष संयुक्त रूप से सरकार के खिलाफ आंदोलन कर सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बेंगलुरु की राजनीति अब केवल प्रशासन तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह नेतृत्व की लड़ाई का अखाड़ा बनती जा रही है, जिसका असर पूरे कर्नाटक की सियासत पर पड़ेगा।

