नई दिल्ली, 15 दिसम्बर,(एजेंसियां)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को जॉर्डन के दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर राजधानी अम्मान पहुंचे। यह यात्रा उनके तीन देशों के विदेश दौरे की शुरुआत है। अम्मान अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत जॉर्डन के प्रधानमंत्री जाफर हसन ने किया। यह दौरा जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल हुसैन के निमंत्रण पर हो रहा है और इसका मुख्य उद्देश्य भारत-जॉर्डन द्विपक्षीय संबंधों को नई मजबूती देना है।
प्रधानमंत्री मोदी 15 से 16 दिसंबर तक जॉर्डन में रहेंगे। इस दौरान उनकी जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल हुसैन के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक प्रस्तावित है। दोनों नेता भारत और जॉर्डन के बीच राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा, ऊर्जा, शिक्षा और सांस्कृतिक सहयोग की समग्र समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही पश्चिम एशिया में जारी भू-राजनीतिक हालात और प्रमुख क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर भी विस्तृत विचार-विमर्श होने की उम्मीद है।
यह यात्रा इसलिए भी ऐतिहासिक मानी जा रही है क्योंकि इसी वर्ष भारत और जॉर्डन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच लंबे समय से मैत्रीपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध रहे हैं। भारत और जॉर्डन ने समय-समय पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे का समर्थन किया है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा द्विपक्षीय रिश्तों को नई दिशा देने वाली मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली से रवाना होने से पहले अपने प्रस्थान वक्तव्य में कहा कि वे जॉर्डन के हाशमी साम्राज्य, इथियोपिया के संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य और ओमान के सल्तनत की यात्रा पर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन तीनों देशों के साथ भारत के सदियों पुराने सभ्यतागत संबंध हैं और आधुनिक दौर में भी व्यापक द्विपक्षीय सहयोग कायम है। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि यह यात्रा भारत के वैश्विक संबंधों को और सशक्त बनाएगी।
जॉर्डन प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री मोदी वहां रहने वाले भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी संवाद करेंगे। जॉर्डन में बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक कार्यरत हैं, जो दोनों देशों के बीच सेतु की भूमिका निभाते हैं। प्रधानमंत्री का यह संवाद भारतीय प्रवासियों के मनोबल को बढ़ाने और उनके योगदान को सम्मान देने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
जॉर्डन यात्रा पूरी करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी 16 से 17 दिसंबर तक इथियोपिया की यात्रा पर जाएंगे। यह उनकी इथियोपिया की पहली आधिकारिक यात्रा होगी। अदीस अबाबा में वे इथियोपिया के प्रधानमंत्री डॉ. अबी अहमद अली के साथ द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। अदीस अबाबा अफ्रीकी संघ का मुख्यालय भी है, जिससे यह यात्रा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इथियोपिया यात्रा को लेकर कहा कि 2023 में भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को जी20 का स्थायी सदस्य बनाया गया था। ऐसे में अफ्रीका के साथ भारत के संबंधों को नई ऊंचाई देने के लिए यह दौरा बेहद अहम है। अदीस अबाबा में वे भारतीय प्रवासी समुदाय से भी मुलाकात करेंगे।
कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह तीन देशों का दौरा भारत की सक्रिय और संतुलित विदेश नीति को दर्शाता है। जॉर्डन से इसकी शुरुआत होना इस बात का संकेत है कि पश्चिम एशिया में भारत अपने भरोसेमंद मित्र देशों के साथ संबंधों को और गहरा करना चाहता है। आने वाले दिनों में इन यात्राओं से भारत को कूटनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण लाभ मिलने की उम्मीद है।

