भारत ने खत्म किए पाकिस्तान से कूटनयिक रिश्ते
पाकिस्तान के पहलगाम का पाप भुगतने का कार्यक्रम शुरू
1960 का सिंधु जल समझौता तत्काल प्रभाव से स्थगित
अटारी एकीकृत चेक-पोस्ट को फौरन बंद करने का फैसला
पाकिस्तानी नागरिकों के भारत आने पर पाबंदी लगाई गई
पाकिस्तानी उच्चायोग में काम करने वाले अवांछित घोषित
उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक हफ्ता का समय दिया गया
भारत आए पाकिस्तानियों को तत्काल भारत छोड़ना होगा
नई दिल्ली, 23 अप्रैल (एजेंसियां)। दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान का सीधा हाथ पाए जाने के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ कूटनयिक संबंध खत्म करने का फैसला किया है। भारत सरकार ने पाकिस्तान में भारतीय दूतावास बंद करने का फैसला किया है। भारत में भी पाकिस्तानी दूतावास बंद कर दिया गया है। भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ 1969 में हुए सिंधु जल समझौते को भी तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है। पाकिस्तान से जुड़े वाली अटारी सीमा बंद कर दी गई है और पाकिस्तान के लिए जारी होने वाले वीजा पर फौरन रोक लगा दी गई है। किसी भी पाकिस्तानी के भारत आने पर भी रोक रहेगी। पाकिस्तान के भारत स्थित राजनयिकों को दो दिन के अंदर भारत छोड़ देने का अल्टीमेटम जारी कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई भारत सरकार की सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक में यह फैसला लिया गया। भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने लिए कहा गया है।
सीसीएस की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में आधिकारिक तौर पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता। एकीकृत चेक पोस्ट अटारी को भी तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। जो लोग वैध तरीके के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं। पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी ऐसे वीजा को रद्द माना जाएगा। सार्क वीजा छूट योजना के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।
नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत पाकिस्तान के रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया गया है। उन्हें भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए अधिकाधिक एक सप्ताह का समय दिया गया है। भारत सरकार भी इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे। विक्रम मिस्री ने कहा, सीसीएस ने समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सभी सुरक्षा बलों को उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया। संकल्प लिया गया कि इस हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। तहव्वुर राणा के हाल के प्रत्यर्पण की तरह भारत उन लोगों की तलाश में निरंतर प्रयास करेगा, जिन्होंने आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिया है या उन्हें संभव बनाने की साजिश रची है।
पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद आज शाम प्रधानमंत्री आवास पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की बैठक हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल सहित कई शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। यह बैठक ढाई घंटे तक चली।
पहलगाम की बैसरन घाटी में मंगलवार को आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई, जबकि 17 लोग पर्यटक घायल हैं। आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाते हुए गोलीबारी की। आतंकी हमले के बाद बुधवार सुबह से सेना से लेकर एनआईए, पुलिस और अन्य एजेंसियां अलर्ट मोड में हैं। ड्रोन और हेलीकॉप्टर से चप्पे-चप्पे पर निगरानी की जा रही है। साथ ही आतंकियों की तलाश की जा रही है। जम्मू कश्मीर से दिल्ली तक हाई अलर्ट पर है। बैसरन घाटी में हुए हमले में शामिल दो स्थानीय आतंकियों की पहचान कर ली गई है। दो पाकिस्तानी आतंकियों की भी पहचान हुई है। मंगलवार को आतंकियों ने करीब 20 मिनट तक एके-47 से गोलीबारी की थी। स्थानीय आतंकियों के नाम आदिल अहमद ठाकुर और आशिफ शेख बताए जा रहे हैं।
आदिल ठाकुर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। आदिल गुरी, बिजबेहड़ा का रहने वाला बताया जा रहा है। आसिफ शेख का जैश-ए-मोहम्मद से कनेक्शन बताया जा रहा है। आसिफ मोंघामा, मीर मोहल्ला (त्राल) का रहने वाला बताया जा रहा है। हमले में शामिल कुछ आतंकियों ने बॉडी कैमरा लगा रखा था। हमले की पूरी घटना को आतंकियों ने रिकॉर्ड किया था। इससे पहले, कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों के शव बुधवार को श्रीनगर लाए गए, जहां अधिकारी पुलिस नियंत्रण कक्ष में पुष्पांजलि अर्पित की गई। बुधवार रात श्रीनगर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को पीसीआर में एक समारोह में मृतकों के ताबूतों पर पुष्पांजलि अर्पित की।
तीन दिनों में कुछ बड़ी कार्रवाई होने का अंदेशा
जम्मू, 23 अप्रैल (ब्यूरो)। क्या कश्मीर के मोर्चे पर अगले तीन दिनों में कुछ बड़ा होने जा रहा है? यह सवाल प्रदेश सरकार के उस निर्देश के जारी होने के बाद उठने लगा है जिसमें पीएम पैकेज के तहत कश्मीर में सरकारी नौकरी कर रहे कर्मचारियों को 27 अप्रैल तक वर्क फ्रॉम होम करने के लिए कहा गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का 25 और 26 अप्रैल का लद्दाख दौरा स्थगित होने के कारण भी यह चर्चा तेज हो गई है कि भारत सरकार कहीं पाकिस्तान पर सीधी सैन्य कार्रवाई तो नहीं करने जा रहा? उधर, देश की सर्वोच्च सैन्य कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अपना असम दौरा रद्द कर दिया है।
जिन सरकारी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम के निर्देश दिए गए हैं वे सभी कश्मीरी पंडित हैं जो कई साल पहले पलायन कर देश के विभिन्न हिस्सों में बस गए थे और अब सरकारी शर्तों के मुताबिक, पीएम पैकेज के तहत कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में नौकरियां कर रहे हैं। हालांकि सरकार ने इस निर्देश का कोई कारण नहीं बताया है, पर इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। केंद्र सरकार की जवाबी कार्रवाई की कवायद की चर्चा में इसलिए भी दम है क्योंकि रक्षा मंत्री गृह मंत्री को नई दिल्ली में ही उपस्थित रहने को कहा गया है। इस बीच गुप्तचर संस्थाओं ने पहलगाम हमले के प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों और वक्तव्यों के बाद यह जानकारी दी है कि पहलगाम के हमले में कुल सात आतंकी शामिल थे जिनमें दो स्थानीय भी थे।