पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए २८ लोगों में कर्नाटक के दो और लोग शामिल

पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए २८ लोगों में कर्नाटक के दो और लोग शामिल

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को पर्यटकों पर हुए क्रूर आतंकी हमले में मारे गए लोगों में बेंगलूरु के दो निवासी भी शामिल हैं| इस हमले में अब तक २८ से अधिक लोगों की जान जा चुकी है| मृतकों की पहचान मूल रूप से हावेरी जिले के रानेबेन्नूर के रहने वाले भारत भूषण (४१) और आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के मूल निवासी मधुसूदन राव के रूप में हुई है, जो बेंगलूरु के राममूर्ति नगर में बस गए थे| ये मौतें शिवमोगा के रियल एस्टेट कारोबारी मंजूनाथ राव की भीषण हत्या के बाद हुई हैं, जो अपनी पत्नी और १८ वर्षीय बेटे के साथ पहलगाम में छुट्टियां मना रहे थे|

इस तरह कर्नाटक में अब तक कुल तीन लोगों की मौत हो चुकी है| शहर में एक निजी फर्म में काम करने वाले भारत भूषण अपनी पत्नी सुजाता (३७) और तीन साल के बेटे के साथ छुट्टियां मनाने कश्मीर गए थे| परिवार यशवंतपुर में जेपी पार्क के पास रहता था| सुजाता द्वारा परिवार के सदस्यों को दी गई दर्दनाक जानकारी के अनुसार, एक बंदूकधारी उनके पास आया, उनका नाम और धर्म पूछा और जब उसे पता चला कि वे हिंदू हैं, तो उसने भरत को उसकी पत्नी और बच्चे के सामने सिर में गोली मार दी| अपने पिता की हत्या को देखकर सदमे में डूबा बच्चा कथित तौर पर चिल्लाया, पापा के सिर से लाल रंग निकल रहा है, जबकि सुजाता उसे लेकर भाग गई| घटना के बाद, भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने सुजाता से संपर्क किया और स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर उसे और बच्चे को सुरक्षा के लिए अनंतनाग में एक सैन्य शिविर में स्थानांतरित करने के लिए कहा|

बेंगलूरु का दूसरा पीड़ित मधुसूदन राव भी एक पर्यटक यात्रा पर गया था, जब वह अंधाधुंध गोलीबारी का शिकार हो गया| अधिकारियों ने पुष्टि की कि पहलगाम की बैसरन घाटी में लक्षित हमले के दौरान मारे गए लोगों में वह भी शामिल था| प्रत्यक्षदर्शियों की रिपोर्ट के अनुसार, हमलावरों ने गोलीबारी शुरू करने से पहले पर्यटकों से उनका नाम और धार्मिक पहचान पूछी| हिंदू पुरुषों को चुनिंदा तरीके से निशाना बनाए जाने से राष्ट्रीय आक्रोश फैल गया है, और घाटी में जवाबदेही और सुरक्षा बढ़ाने की मांग की जा रही है|

इस हमले को २०१९ के बाद से इस क्षेत्र में सबसे भीषण माना जा रहा है, जिसमें दर्जनों लोग घायल हुए हैं और पूरे देश में इसकी निंदा की गई है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण विदेश यात्राओं से लौटकर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की आपातकालीन बैठक में भाग लेने आए हैं| गृह मंत्री अमित शाह पहले ही जम्मू-कश्मीर में सैन्य अधिकारियों के साथ चर्चा कर चुके हैं और सख्त प्रतिक्रिया के लिए निर्देश जारी कर चुके हैं| इस बीच, बेंगलूरु में शोक संतप्त परिवार इस त्रासदी से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि शवों को घर वापस लाने की व्यवस्था की जा रही है| हमले की चौंकाने वाली प्रकृति, विशेष रूप से पहचान-आधारित हत्याओं ने लोगों के गुस्से को बढ़ा दिया है और कश्मीर घाटी में पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ फिर से जगा दी हैं|

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