बंगलादेशी हिंदू भिक्षु चिन्मय दास चार और मामलों में गिरफ्तार

बंगलादेशी हिंदू भिक्षु चिन्मय दास चार और मामलों में गिरफ्तार

ढाका, 06 मई (एजेंसी)। बंगलादेशी हिंदू भिक्षु एवं इस्कॉन के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जो वर्तमान में जेल में हैं, को मंगलवार को चटगांव की एक अदालत की ओर से चार और मामलों में गिरफ्तार दिखाया गया, जिससे यह सुनिश्चित हो गया कि वह जेल में ही रहेंगे।


श्री ब्रह्मचारी को नवंबर में राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में हैं। उनके समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी के बाद विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें एक वकील की मौत हो गई थी।


मामले से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं के कारण, सुनवाई लगभग 10:00 बजे वर्चुअल रूप से आयोजित की गई।सहायक पीपी रेहानुल ने कहा,“ संदिग्ध की सुरक्षा और समग्र स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें आज सुनवाई के लिए वर्चुअल रूप से अदालत में पेश किया गया।”


श्री ब्रह्मचारी को जिन चार मामलों में आज गिरफ्तार दिखाया गया, उनमें से तीन पुलिस द्वारा दर्ज किए गए थे, और पिछले साल 26 नवंबर को चटगाँव अदालत भवन परिसर में झड़पों, तोड़फोड़ और पुलिस पर हमलों से संबंधित थे, जबकि एक मामलाप मृतक वकील अलिफ़ के भाई खाने आलम द्वारा दायर किया गया था।

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न्यायालय ने सोमवार को जांच अधिकारी की याचिका के बाद चटगाँव में वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की हत्या के मामले में उन्हें गिरफ्तार दिखाने का आदेश दिया।

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अधिवक्ता रेहानुल ने आज मीडिया से कहा, "पुलिस ने तीन मामले दर्ज किए और अलिफ के भाई ने 26 नवंबर को झड़पों के दौरान न्यायालय भवन परिसर में तोड़फोड़, पुलिस और आम लोगों पर हमला, देसी बम विस्फोट और पुलिस को उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने के लिए एक और मामला दर्ज किया।"

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उन्होंने कहा कि संबंधित मामलों के जांच अधिकारियों ने श्री ब्रह्मचारी को गिरफ्तार दिखाने के लिए याचिकाएँ प्रस्तुत कीं।
चटगाँव के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की हत्या सहित चार मामलों में रविवार को उन्हें गिरफ्तार दिखाने के लिए आवेदन प्रस्तुत किए गए, जिसके बाद उन्हें सोमवार को अलिफ मामले में गिरफ्तार दिखाया गया।
गौरतलब है कि चटगाँव न्यायालय भवन के पास पुलिस, वकीलों और हिन्दू भिक्षु के अनुयायियों के बीच हिंसक झड़प के दौरान 26 नवंबर,2024 को सैफुल की हत्या कर दी गई थी। इक्तीस अक्टूबर को दर्ज किए गए राजद्रोह के मामले में उनकी जमानत याचिका को अदालत द्वारा खारिज किए जाने और उन्हें जेल भेजने के आदेश के तुरंत बाद अशांति फैल गई।


पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, श्री ब्रह्मचारी के समर्थकों द्वारा उन्हें ले जा रही जेल वैन को रोकने पर अराजकता फैल गई, जिसके बाद पुलिस को भीड़ पर लाठीचार्ज करना पड़ा। टकराव जल्द ही हिंसक झड़प में बदल गया, जिसके दौरान सैफुल को बेरहमी से पीटा गया और उसकी हत्या कर दी गई।


घटना के बाद चटगाँव में बीएनपी के मोहोरा वार्ड के पूर्व महासचिव फिरोज खान ने हिन्दू भिक्षु और 18 अन्य के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कराया।


शिरोमणि अकाली दल के नेता हसनत अब्दुल्ला ने अधिवक्ता सैफुल की हत्या के लिए न्याय की मांग की।
पिछले साल जुलाई में हुए विद्रोह के मास्टरमाइंड छात्र दल ने दो मई को जुमे की नमाज के बाद चटगाँव में अंदरकिला शाही जामे मस्जिद के सामने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने और श्री ब्रह्मचारी को जेल में रखने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था।
हसनत ने फेसबुक पर लिखा था, "मैं चिन्मय की जमानत को एक अलग घटना नहीं मानता। चिन्मय मामले की शुरुआत से ही भारतीय साम्राज्यवाद ने इस देश पर अन्यायपूर्ण प्रभाव डालने की कोशिश की है।


उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था, "अगर आप अलिफ के खून पर खड़े होकर भारतीय आक्रमण का मार्ग प्रशस्त करेंगे, तो परिणाम अच्छे नहीं होंगे।"

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