अर्से बाद महबूबा ने अमित शाह से बात की
पहलगाम पहुंचीं पूर्व सीएम, जताई संवेदना
पहलगाम, 05 मई (एजेंसियां)। पहलगाम में आतंकी हमले के 13 दिन बीत चुके हैं। इस हमले में 27 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। जम्मू कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना आतंकियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन चला रही है। इस बीच जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती आज पहलगाम पहुंची। महबूबा मुफ्ती ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी बात की। उन्होंने कहा कई सालों के बाद पहली बार मैंने अमित शाह से बात की।
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, मैंने उन 27 लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की, जिन्होंने अपनी जान गंवाई। हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। उन दिनों हमें युवा पुरुषों और महिलाओं, व्यापारियों से कई फोन कॉल आए, जिन्होंने बताया कि वे ख़तरे में हैं और डरे हुए हैं। इसलिए कई सालों के बाद पहली बार, मैंने अमित शाह से बात की और जम्मू कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विचार-विमर्श किया। अमित ने कई सलाह मानी और कई अच्छे सलाह दिए और दुरुस्त सुरक्षा व्यवस्था का भरोसा भी दिया।
पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए लोगों का जिक्र करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, संदेश यह है कि पहलगाम के लोग बहुत दुखी हैं। वे दुखी हैं। वे चिंतित हैं क्योंकि यहां पकड़-धकड़ सबसे ज़्यादा है। हालांकि यहां के लोगों ने यथासंभव मदद करने की कोशिश की, लोगों को अस्पताल पहुंचाया, रक्तदान किया और लोगों की जान बचाई। सभी को ओवरग्राउंड वर्कर या आतंकवादी माना जाता है। उन्हें बुलाया जा रहा है, बंद किया जा रहा है और शाम को छोड़ दिया जा रहा है। पहलगाम में सैकड़ों लोग अभी भी बंद हैं। यही हाल दूसरी जगहों पर भी है। इसलिए मुझे लगता है कि यह सही नहीं है। ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि जब कश्मीरी खुले दिल के हैं, तो देश के लोगों को भी उन पर भरोसा करना चाहिए। पुलिस या सेना द्वारा की जाने वाली यह पकड़-धकड़ बंद होनी चाहिए।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, मैं आज पहलगाम आई क्योंकि मैं लोगों की बात सुनना चाहती थी। मैंने सुना कि लोगों में डर है। मैं इसे दूर करना चाहती थी। मैं यहां आए पर्यटकों को सलाम करती हूं। मैं उन्हें यह बताने आई हूं कि कश्मीर आपका इंतजार कर रहा है, खासकर उन यात्रियों का जो यहां (अमरनाथ यात्रा के लिए) आएंगे। पहलगाम में यात्रियों पर कभी हमला नहीं हुआ। यह पहली बार है कि पर्यटकों पर हमला हुआ है। पहलगाम के लोगों ने हमेशा यात्रियों का गर्मजोशी से स्वागत किया है। जब एक बार आंधी आई थी, तब न सिर्फ पहलगाम बल्कि पूरे कश्मीर के लोगों ने उन्हें अपने घरों में रखा था। यात्री हमारे मेहमान हैं, वे पहले भी यहां आ चुके हैं, उन्हें अब भी यहां आना चाहिए।