श्रीनगर और जम्मू की जेलों पर आतंकी हमले का खतरा
खुफिया तंत्र ने सतर्क किया, 14 आतंकियों की सूची जारी
जम्मू, 05 मई (एजेंसियां)। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर की जेलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि आतंकी जेलों पर हमला कर सकते हैं, खासकर श्रीनगर की सेंट्रल जेल और जम्मू की कोट बलवाल जेल पर खतरा मंडरा रहा है। खुफिया एजेंसियों ने 14 आतंकियों की लिस्ट भी जारी की है, जिनके जम्मू कश्मीर में सक्रिय होने को लेकर सतर्क किया गया है।
जम्मू और कश्मीर जोन की इन जेलों में कई बड़े आतंकी और स्लीपर सेल के सदस्य बंद हैं, जो आतंकियों को लॉजिस्टिक मदद, ठिकाना और उनकी आवाजाही में सहायता देते हैं। 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए हिंदुओं के नरसंहार के मामले की जांच जारी है, जिसमें इस आतंकी हमले का अंदेशा जताया गया है और अलर्ट जारी कर दिया गया है।
खुफिया जानकारी के आधार पर जम्मू और कश्मीर की जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। रविवार 4 मई को सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सीआईएसएफ) के डायरेक्टर जनरल ने श्रीनगर में वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की। सीआईएसएफ ने अक्टूबर 2023 में सीआरपीएफ से जम्मू-कश्मीर की जेलों की सुरक्षा का जिम्मा लिया था। बैठक में जेलों की सुरक्षा का जायजा लिया गया और किसी भी तरह की चूक रोकने के लिए कदम उठाए गए।
पहलगाम हमले की जांच में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने आतंकी सहयोगियों निसार और मुश्ताक से पूछताछ की, जो पहले एक सेना की गाड़ी पर हुए हमले से भी जुड़े थे। दक्षिण कश्मीर के जंगलों में अभी भी आतंकी छिपे हो सकते हैं। खुफिया जानकारी के मुताबिक, पहलगाम हमले के दौरान कुछ आतंकी दूर से कवर फायर देने के लिए तैनात थे, ताकि सुरक्षाबलों को जवाबी कार्रवाई से रोका जा सके। इसका मतलब है कि पहलगाम में हमले के दौरान हमला करने वाले आतंकियों के अलावा बैकअप में भी आतंकियों का ग्रुप मौजूद था। इन आतंकियों के पास खाने-पीने का सामान और अन्य जरूरी चीजें हैं, जिससे वे जंगलों में लंबे समय तक टिक सकते हैं। इस खतरे को देखते हुए जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है, ताकि किसी भी संभावित हमले को रोका जा सके।