पाकिस्तान की आर्थिक रीढ़ तोड़ने की तैयारी

इटली और एशियन डेवलपमेंट बैंक से हुई वित्त मंत्री की वार्ता

पाकिस्तान की आर्थिक रीढ़ तोड़ने की तैयारी

एफएटीएफ की ग्रे-लिस्ट में पाक को शुमार रखने की भी पहल

नई दिल्ली, 06 मई (एजेंसियां)। पहलगाम में आतंकी हमले का कुचक्र रच कर पाकिस्तान बुरी तरह फंस गया है। भारत के एक के बाद एक सख्त कदमों ने उसकी मुश्कें कसनी शुरू कर दी हैं। सिंधु का पानी रोकने के बाद उसके यहां हाहाकार मचने लगा हैआपस में लोग सिर फोड़ रहे हैं। कूटनीतिक स्तर पर दुनिया के 80 फीसदी से ज्यादा देश पाकिस्तान को दुत्कारते हुए भारत के पाले में आ खड़े हुए हैं। भारत अब पाकिस्तान की एक और लगाम कसने जा रहा है। पाकिस्तान इससे घबराया हुआ है। सिंधु जल संधि निरस्त करने के बाद अब भारत ने पाकिस्तान को मिलने वाले कर्जे का स्रोत बंद करना शुरू किया है। भारत सरकार की इस बारे में इटली और एशियन डेवलपमेंट बैंक से बात भी हो चुकी है।

पाकिस्तान बचने के लिए रणनीतियां तो बना रहा है लेकिन उसके यहां अराजकता का माहौल हैविश्वसनीयता की कमी है और देश के लिए कुछ करने की भावना किसी नेता में नहीं हैवे भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हैं। भारत के सख्त कदमों का उसके पास कोई तोड़ नहीं है। भारत ने उसकी आर्थिक नाकेबंदी के लिए इटली और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से पाकिस्तान को दिए जाने वाले अनुदान को रोक देने की बात की है। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इटली के मिलान में चल रही एडीबी की 58वीं सालाना बैठक के दौरान इटली के वित्त मंत्री जियान कार्लो जियोर्जेटी से इस विषय पर बात की। बैठक में सीतारमण ने कहा कि इटली पाकिस्तान में अपने वित्तीय सहयोग और परियोजनाओं पर रोक लगा दे तो बेहतर होगा। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम यानी यूएनडीपी और इटली का विकास कोऑपरेशन पाकिस्तान में कई जगह काम कर रहे हैं और उस देश में अनेक परियोजनाओं में पैसा लगा रहा है। भारतीय वित्त मंत्री ने एडीबी के अध्यक्ष मासातो कांडा से भी भेंट की और उनसे कहा कि पाकिस्तान को कोई फंडिंग न दी जाए क्योंकि वह आतंकवाद का प्रायोजक है और पहलगाम हमले का दोषी है।

22 अप्रैल के पहलगाम हमले को भारत ने बहुत गंभीरता से लेते हुए विश्व के अनेक देशों के साथ परामर्श किया है और उस आधार पर पाकिस्तान के संदर्भ में व्यवहार किया है। पाकिस्तान कितना भी मुकरे पर सच यही है कि उसने हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे कई आतंकवादियों के सरगनाओं को पाल रखा है। पाकिस्तान ने आतंकवाद को राज्यनीति बना रखा है और कश्मीर में अस्थिरता फैलाए रखना ही उसका एकमात्र एजेंडा है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ अपने राजनयिक संबंध सीमित कर दिए हैं। 1960 की सिंधु जल संधि को निरस्त करके उसने संकेत दिया है कि वह पाकिस्तान को घुटने पर लाने को प्रतिबद्ध है। भारत का अगला कदम फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) को इस बात के लिए राजी करना है कि पाकिस्तान को दोबारा ग्रे-लिस्ट में शामिल रखा जाए। सीतारमण इस मोर्चे पर पूरी तरह से जुटी हुई हैं। इटली और एडीबी से शुरुआत हुई है। इटली में 7 मई तक चलने वाली इस बैठक में इस संदर्भ में अनेक फैसले हो सकते हैं। निर्मला सीतारमण इस बैठक के कई महत्वपूर्ण सत्रों में भाग लेने वाली हैं। भारत सरकार हर वह प्रयास कर रही है जिससे पड़ोसी इस्लामी देश को सबक मिले कि आतंकवाद को शह देना उसके अस्तित्व के खात्मे का रास्ता है।

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