पाकिस्तान ने टॉर्चर के बाद छोड़ा बीएसएफ का जवान
21 दिन बाद पाकिस्तान के चंगुल से छूटा
नई दिल्ली, 15 मई (एजेंसियां)। पाकिस्तान ने 21 दिनों तक अपने यहां हिरासत में रखने के बाद बीएसएफ के जवान को छोड़ दिया। पाकिस्तानी सुरक्षाबल ने बीएसएफ जवान को गंदी गालियां दीं, आंखों पर पट्टी बांधे रखी और सीमा पर भारतीय सेना की तैनाती की जानकारी लेने की कोशिशें कीं। पाकिस्तानी सुरक्षाबल ने उन भारतीय अधिकारियों के बारे में भी जानकारी लेने की कोशिश की जो पाकिस्तान सीमा पर तैनात हैं।
पाकिस्तान ने 23 अप्रैल को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को जवान पूर्णम कुमार शॉ को हिरासत में लिया था। उसे 14 मई 2025 को छोड़ दिया गया। लेकिन इन 21 दिनों में पाकिस्तानियों ने उसे काफी प्रताड़ित किया। पाकिस्तानियों ने उसे सोने नहीं दिया और गंदी गालियां भी दीं। बीएसएफ जवान को पाकिस्तान में तीन जगह ले जाया गया था। इन लोकेशन के विषय में बीएसएफ जवान को कुछ नहीं पता, क्योंकि उसकी आंखों पर लगातार पट्टियां बंधी हुई थी। यहां पाकिस्तानियों ने जवान से सीमा पर बीएसएफ की पोस्टिंग के विषय में जानकारी जुटाने की कोशिश की। पाकिस्तान ने बीएसएफ के अधिकारियों के फोन नंबर भी साझा करने का दबाव बनाया और इसके लिए जवान को मानसिक तौर पर काफी प्रताड़ित किया। कस्टडी के 21 दिनों के दौरान जवान को सोने नहीं दिया गया और कहीं ले जाने पर उसकी आंखों पर पट्टी बांध दी जाती थी।
बीएसएफ जवान को अटारी-वाघा बॉर्डर से बीएसएफ वापस लाई। भारत ने इस दौरान एक पाकिस्तानी रेंजर को भी वापस किया। बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद 23 अप्रैल 2025 को पाकिस्तानी रेंजर ने पंजाब के फिरोजपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर से गिरफ्तार कर लिया था। पाकिस्तानियों ने दावा किया था कि वह उनकी जमीन पर आ गए थे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद दबाव के चलते पाकिस्तान को उन्हें रिहा करना पड़ा।