बांके बिहारी कॉरिडोर की बाधाएं समाप्त
मथुरा में कॉरिडोर की स्थापना को सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी
नई दिल्ली, 16 मई (एजेंसी): उत्तर प्रदेश के मथुरा में बांके बिहारी मंदिर के आसपास कॉरिडोर बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कॉरिडोर के लिए जमीन खरीदने की अनुमति दे दी है। इसके लिए मंदिर के आसपास की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। यह कॉरिडोर 500 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने जमीन खरीदने लिए मंदिर की एफडी से पैसा इस्तेमाल करने की इजाजत भी दे दी है। यूं समझिए कि इस फैसले से एक लंबे समय से लंबित इस योजना के लिए जमीन खरीदने का रास्ता साफ हो गया है।
दरअसल, मंदिर प्रशासन इस जमीन को मंदिर की एफडी के पैसे से खरीदना चाहता था लेकिन जमीन भगवान के नाम पर है और एफडी भी उसी नाम से है, ऐसे में हाईकोर्ट ने जमीन खरीदने की अनुमति नहीं दी थी। बाद में यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा देकर बताया था कि जमीन खरीद के लिए मंदिर का पैसा इस्तेमाल करना चाहते हैं, जिसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 8 नवंबर 2023 के आदेश में अस्वीकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि बांके बिहारी मंदिर डेवलपमेंट बोर्ड के अलावा कोई और इस विकास में शामिल नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया है।
देवता/मंदिर के नाम पर एफडी जमा है। सरकार को प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण के लिए मंदिर की एफडी राशि का उपयोग करना है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सहमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 8 नवंबर 2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले को पलट दिया।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बांके बिहारी कॉरिडोर की तर्ज पर मथुरा में चार अन्य प्रमुख मंदिरों के लिए भी कॉरिडोर विकसित कर रही है और इसके तहत बांके बिहारी मंदिर के अलावा भी कई मंदिर शामिल होंगे। मंदिर प्रशासन का कहना है कि त्योहारों के दौरान यहां 10-15 लाख लोग पहुंचते हैं, जिससे मंदिर परिसर और आसपास की गलियों में काफी भीड़-भाड़ और अव्यवस्थित स्थिति का सामना करना पड़ता है।