सरकार १०८ एम्बुलेंस का संचालन निजी एजेंसियों से अपने हाथ में लेगी: मंत्री
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि कर्नाटक सरकार जल्द ही १०८ एम्बुलेंस सेवाओं का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में लेगी और निजी एजेंसियों से परिचालन संबंधी जिम्मेदारियाँ वापस लेगी| यहां पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने कहा अभी तक १०८ एम्बुलेंस निजी एजेंसियों द्वारा संचालित की जाती थीं|
इस व्यवस्था के कारण कई समस्याएँ पैदा हुई हैं| अब से राज्य सरकार इन परिचालनों का सीधे प्रबंधन करेगी| चामराजनगर जिले में एक सफल पायलट पहले ही चलाया जा चुका है|
उन्होंने कहा १०८ एम्बुलेंस सेवा सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है| एजेंसियों को नियमित सरकारी भुगतान के बावजूद, कर्मचारियों को अक्सर समय पर वेतन नहीं मिलता| एम्बुलेंस चालकों की वेतन संबंधी शिकायतों को हल करने के लिए सरकार को कई बार हस्तक्षेप करना पड़ा| मंत्री के अनुसार, एम्बुलेंस सरकारी स्वामित्व वाली हैं और ईंधन और चालक के वेतन जैसे खर्च राज्य वहन करता है| निजी एजेंसियाँ एक केंद्रीय कमांड सेंटर के माध्यम से सेवा संचालित करती हैं, लेकिन सरकार का मानना है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीधे नियंत्रण से सैकड़ों करोड़ की बचत होगी और परिचालन दक्षता में सुधार होगा|
उन्होंने कहा चामराजनगर जिले में संचालित एक पायलट परियोजना ने दिखाया है कि स्वास्थ्य विभाग इन सेवाओं का प्रभावी ढंग से प्रबंधन कर सकता है| अगले महीने के भीतर, विभाग सभी सरकारी एंबुलेंस का नियंत्रण अपने हाथ में ले लेगा| अगले तीन महीनों में, १०८ एंबुलेंस नेटवर्क को स्वास्थ्य विभाग के कमांड कंट्रोल सेंटर के अधीन लाया जाएगा| इसके अतिरिक्त, मंत्री ने घोषणा की कि संचालन की देखरेख के लिए बेंगलूरु में एक केंद्रीय कमांड सेंटर और जिला-स्तरीय कमांड सेंटर स्थापित किए जाएंगे| ३०,००० से अधिक कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने की मीडिया रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए, गुंडू राव ने स्पष्ट किया हमने कोई वेतन नहीं रोका है|
पिछले प्रशासन के कारण वित्तीय वर्ष २०२३-२४ के लिए प्रारंभिक शेष राशि कम कर दी गई थी| साथ ही, केंद्र सरकार ने धन जारी नहीं किया है, जिससे देरी हुई है| अगले दो से तीन दिनों के भीतर वेतन वितरित कर दिया जाएगा| उन्होंने यह भी खुलासा किया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत, एसएनसीयू और आईसीयू में काम करने वाले एमबीबीएस डॉक्टरों, विशेषज्ञों और स्टाफ नर्सों के वेतन में संशोधन और पर्याप्त वृद्धि की गई है|