दरगाह मामले की त्वरित सुनवाई के लिये विशेष खंडपीठ गठित

दरगाह मामले की त्वरित सुनवाई के लिये विशेष खंडपीठ गठित

लखनऊ 16 मई (एजेंसी) बहराइच दरगाह जेठ मेले पर रोक मामले की इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में शनिवार को अपराह्न दो बजे सुनवाई होगी।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली ने मामले की अर्जेंट सुनवाई को 17 मई को अपराह्न दो बजे न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की विशेष खंडपीठ गठित की है। राज्य सरकार के मुख्य स्थाई अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि शुक्रवार को याचियों की अर्जेंट सुनवाई की अर्जी पर मुख्य न्यायमूर्ति ने विशेष खंडपीठ गठित करने का आदेश दिया है।
इससे पहले शुक्रवार को पूर्वान्ह में हुई मामले की सुनवाई में बहराइच में दरगाह शरीफ के लगने वाले जेठ मेले पर रोक मामले में याचियों को फिलहाल कोई राहत नहीं मिली थी। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 19 मई को नियत की थी। याचियों की ओर से कहा गया कि जेठ मेला 18 मई से शुरू हो रहा है इसलिए मामले की जल्द सुनवाई की जाए। इसके मद्देनजर कोर्ट ने मामले की अर्जेंट सुनवाई की अर्जी मुख्य न्यायमूर्ति को देने की याचियों को अनुमति दी थी।
न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव - प्रथम की खंडपीठ के समक्ष बहराइच की दरगाह शरीफ प्रबंध समिति की ओर से इसके चेयरमैन समेत छह छह लोगों द्वारा दाखिल याचिका पर शुक्रवार सुनवाई हुई। राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थाई अधिवक्ता(सी एस सी ) शैलेंद्र कुमार सिंह ने याचिका का विरोध किया। जबकि, याचियों की ओर से उनके अधिवक्ता डा एल पी मिश्र ने मेला आयोजन की अनुमति देने की दलीलें दीं।सी एस सी ने बताया कि कोर्ट की अनुमति के बाद याचियों ने मुख्य न्यायमूर्ति को मामले की अर्जेंट सुनवाई की अर्जी दी। जिसपर मुख्य न्यायमूर्ति ने शनिवार को यह विशेष खंडपीठ गठित करने का आदेश दिया।
याचिका में बहराइच के जिलाधिकारी के इसी 26 अप्रैल के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें सैयद सालार मसूद गाजी के दरगाह के पास हर साल लगने वाले जेठ मेले की इस बार अनुमति नहीं दी गई है। याची ने इसे कानून की मंशा के खिलाफ कहकर डी एम को मेले की अनुमति देने का निर्देश देने का आग्रह किया है।
उधर, इसी आठ मई को सरकारी वकील ने डी एम के आदेश को उचित कहकर याचिका का विरोध किया था। कोर्ट ने अंतरिम राहत की अर्जी पर अगली सुनवाई पर गौर करने का आदेश देकर सरकार समेत पक्षकारों को याचिका में उठाए गए बिंदुओं पर जवाब पेश करने का समय दिया था।कोर्ट ने कहा था कि मामले में विपक्षी पक्षकारों का जवाब मांगे जाने तक कोई अंतरिम राहत दिया जाना उचित नहीं होगा। मामले में राज्य सरकार ने जवाब दाखिल कर दिया है, जिसका प्रतिउत्तर भी याचियों ने पेश कर दिया है।

Tags: