अब कश्मीरियों को चाहिए दिल्ली तक की सीधी ट्रेन
जम्मू, 10 जून (ब्यूरो)। कटड़ा से श्रीनगर तक चलने वाली इतिहासिक वंदे भारत रेल ने कश्मीरियों को खुशी प्रदान की है पर वे इतने से खुश नहीं हैं। कश्मीरियों की मांग है कि जब तक नई दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन चालू नहीं होगी कश्मीर की तरक्की नहीं हो पाएगी।
कश्मीरियों का मानना है कि ऐतिहासिक रेल लिंक अपने साथ अधिक विश्वसनीयता, सामर्थ्य और पहुंच का वादा लेकर आया है। पर कश्मीरी इसे नकाफी बताते हैं। वे कहते थे कि इस महत्वाकांक्षी पहल को कश्मीर और लद्दाख के लोगों के लिए वास्तव में सार्थक और न्यायसंगत बनाने के लिए, श्रीनगर और नई दिल्ली के बीच एक सीधी, लंबी दूरी की ट्रेन सेवा अगला जरूरी कदम होना चाहिए।
दिल्ली तक की सीधी रेल की मांग के साथ ही उनका कहना है कि अनावश्यक ठहराव या ट्रेन परिवर्तन के बोझ के बिना श्रीनगर-दिल्ली एक्सप्रेस एक गेम-चेंजर होगी। इससे लोगों की आवाजाही आसान होगी, पर्यटकों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा। दरअसल सीधी रेल की मांग सिर्फ यात्रियों की सुविधा के लिए नहीं है। श्रीनगर से एक मजबूत रेल माल ढुलाई प्रणाली को भी वे महत्वपूर्ण बताते थे। वे कहते थे कि क्षेत्र के बागवानी उत्पाद सेब, चेरी, अखरोट, सब्जियां और विश्व प्रसिद्ध हस्तशिल्प समय के प्रति संवेदनशील वस्तुएं हैं। कार्गो ट्रेन संचालन सुनिश्चित करेगा कि ये सामान मुंबई, दिल्ली और कोलकाता के बाजारों में तेजी से, ताजा और कम लागत पर पहुंचें। यह स्थानीय उद्योगों के लिए कच्चे माल के आयात को और अधिक कुशल बना देगा।
श्रीनगर-कटड़ा रेल लिंक का लंबे समय से प्रतीक्षित उद्घाटन जम्मू और कश्मीर के बुनियादी ढांचे के विकास के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सही मायने में ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी के रूप में वर्णित, यह परियोजना अक्सर बंद रहने वाले श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग के विकल्प से कहीं अधिक प्रदान करती है। यह लगभग 8 मिलियन कश्मीरियों और लद्दाख में कई और लोगों के घर वाले क्षेत्र के लिए दैनिक जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।
कश्मीरी इस बात को लेकर खुश हैं कि नए रेलवे खंड से पूरे साल मौसम के अनुकूल परिवहन उपलब्ध होने की उम्मीद है, यह एक ऐसी उपलब्धि है जिसे अतिरंजित नहीं किया जा सकता है। किसान, व्यवसायी, छात्र और चिकित्सा रोगी सभी ने राजमार्ग पर भूस्खलन और मौसम के कारण बंद होने के कारण महंगी बाधाओं को सहन किया है। पर इसे भूला नहीं जा सकता कि जम्मू और कश्मीर लंबे समय से रसद संबंधी बाधाओं से जूझ रहा है। श्रीनगर तक सीधी रेल पहुंच एक विलासिता नहीं है, यह एक आवश्यकता है। कटड़ा-श्रीनगर लिंक के साथ इसकी नींव रखी गई है। कश्मीरी कहते थे कि अब बड़ा सोचने और तेजी से आगे बढ़ने का समय है।