फिर डीजीसीए ने कैसे दे दी उड़ान की इजाजत?

बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर जेट की सुरक्षा पर उठ चुके हैं सवाल

फिर डीजीसीए ने कैसे दे दी उड़ान की इजाजत?

इस विमान के उत्पादन प्रक्रिया से जुड़ी समस्याएं भी रही हैं। जिनमें से एक प्रमुख मुद्दा इसकी सप्लाई चेन और उत्पादन प्रक्रिया में देरी थी। बोइंग के इस मॉडल के विमान के पुर्जों में गुणवत्ता नियंत्रण की कमी पाई गई थीजिससे सुरक्षा संबंधित चिंताएं पैदा हुई थी। सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के कारणबोइंग को नियामक एजेंसियों की जांच का सामना करना पड़ा था।

नई दिल्ली, 12 जून (एजेंसियां)। हादसे का शिकार एयर इंडिया का विमान एआई-171 विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान है। यह विमान अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रहा थालेकिन टेकऑफ के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान पर 242 लोग सवार थे। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर जेट पहले भी विवादों में रह चुका है। इसकी उत्पादन प्रक्रिया और गुणवत्ता नियंत्रण पर सवाल उठ चुके हैं। इसके बावजूद डीजीसीए ने इसे उड़ान की इजाजत क्यों दी, यह चिंताजनक और गंभीर सवाल है।

इस विमान के उत्पादन प्रक्रिया से जुड़ी समस्याएं भी रही हैं। जिनमें से एक प्रमुख मुद्दा इसकी सप्लाई चेन और उत्पादन प्रक्रिया में देरी थी। बोइंग के इस मॉडल के विमान के पुर्जों में गुणवत्ता नियंत्रण की कमी पाई गई थीजिससे सुरक्षा संबंधित चिंताएं पैदा हुई थी। सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के कारणबोइंग को नियामक एजेंसियों की जांच का सामना करना पड़ा था। जिन्होंने विमान की सुरक्षा और गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। इन विवादों के कारण बोइंग को वित्तीय नुकसान हुआ था और कंपनी की प्रतिष्ठा भी प्रभावित हुई भी। इस तरह के गंभीर सवालों और विवादों में फंसे विमान को उड़ान भरने की डीजीसीए ने इजाजत क्यों दी, यह गंभीर सवाल है। लेकिन इस सवाल पर केंद्र सरकार ने कभी ध्यान नहीं दिया।

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