विश्व में डंका बजा रहा भारत का फिनटेक बाजार

अगले तीन साल में 3.5 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा

 विश्व में डंका बजा रहा भारत का फिनटेक बाजार


नई दिल्ली, 19 जून (एजेंसियां)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अगले तीन साल में भारत का फिनटेक बाजार 3.5 लाख करोड़ का हो जाएगा। वित्त मंत्री ने फिनटेक बाजार में सालाना 30 फीसदी वृद्धि की उम्मीद जताई है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय फिनटेक इनोवेशन में विश्वस्तरीय क्वालिटी उत्पाद बनाने की क्षमता है। फिनटेक कंपनियां देश के ग्रामीण क्षेत्रों को न केवल एक सामाजिक जिम्मेदारी की तरह लेंबल्कि नए बाजार अवसर के रूप में भी देख सकते हैं। इन कंपनियों को अब मेक इन इंडिया के साथ-साथ मेक फॉर द वर्ल्ड भी बनना चाहिए। निर्मला सीतारमण ने कहा, कोई मॉडर्न देश भी हमारी उपलब्धि के आस-पास नहीं है।

डिजिटल पेमेंट्स अवॉर्ड्स 2025 समारोह के मौके पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहाभारत में फिनटेक क्रांति और भी फलेगी-फूलेगी। इस क्षेत्र में काफी बड़ा अवसर अभी भी है। मेरा विश्वास है कि इसके सर्वश्रेष्ठ अध्याय अभी लिखे जाने बाकी हैं। वित्त मंत्री ने देश के नागरिकों को इससे जोड़ने और दुनिया को दिशा देने का आह्वान किया। विश्व बैंक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए भारत ने पिछले 6 साल में 80 फीसदी वित्तीय समावेशन दर हासिल किया है। भारत अब डिजिटल भुगतान के लेनेदेन का करीब आधा हिस्सा यानी 48.5 फीसदी यूपीआई से कर रहा है। इतना ही नहीं, दुनियाभर में 35 करोड़ से ज्यादा यूजर यूपीआई इकोसिस्टम का इस्तेमाल कर रहे हैं। दुनिया के कई देश जैसे भूटानफ्रांसमॉरीशसनेपालसिंगापुर, श्रीलंका और यूएई अब यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं।

वित्त मंत्री के मुताबिक भारत में जितना इनोवेशन हो रहा है वो दूसरे देशों के लिए सपने से कम नहीं है। उन्होंने कहाकई उन्नत देश हमारी फिनटेक कंपनियों द्वारा बनाए गए रफ्तार के करीब भी नहीं हैंयह भारतीय फिनटेक क्षेत्र के लिए बहुत ही काबिले तारीफ है। भारत की कंपनियों और एक्सपोर्टरों का लक्ष्य अब ग्लोबल मार्केट पर कब्जा होना चाहिए। हमारे पास टैलेंट हैउच्च मापदंड और हर समस्या का समाधान मौजूद हैं। कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन पेमेंट ऐप लाइफ लाइन बन गई। जब सभी अपने घर में बंद थे और बाहर सुनसान था तो बगैर सम्पर्क में आए भुगतान और डोरस्टेप बैंकिंग को मजबूत किया गया। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसारभारत का डिजिटल भुगतान सूचकांकजो डिजिटल भुगतान के समग्र उपयोग को मापता हैपिछले पांच वर्षों में चौगुना हो गया है, 2018 में 100 से 2024 में 465 क। दुनिया के सभी डिजिटल भुगतान लेनदेन का 48.5 प्रतिशत  से अधिक भारत में होता है। 35 करोड़ से अधिक यूजर्स यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं।